लावालौंग प्रखंड के आदिम जनजाति को समुचित व्यवस्था नहीं, प्रखंड कार्यालय में लगा चुके हैं,कई बार गुहार

लावालौंग:- प्रखण्ड क्षेत्र के कटिया पंचायत ग्राम रतनाग के नावा टाड़ जो प्रखंड कार्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 22 घरों वाला गांव आदमी जनजाति के लोग रहते हैं। लेकिन यहां पर आज तक इन लोगों की विकास तथा समुचित व्यवस्था फेल है। इन लोगों के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार करोड़ों रूपए खर्च कर इनके विकास के लिए हमेसा तत्पर रहती है। लेकिन विभागीय पदाधिकारी या प्रखण्ड विकास पदाधिकारी इन लोगों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते आखिर क्यों।

जब आदिम जनजाति के एक बुज़ुर्ग पूसन बिरहोर से सी न्यूज संवाददाता से बात चीत हुई तो वे अपनी नम आंखों से सारे समस्याओं से अवगत कराया, यहां पर लोगों को रहने के लिए घर नही है, शुद्ध पेयजल प्रयाप्त  मात्रा में व्यवस्था नहीं, गांव तक जाने के लिए रास्ते नहीं। सिर्फ इकलौता चापानल है, जो  25घरों   के लोगों को प्यास बुझाती है, वह भी गर्मी के मौसम में सुख जाने पर लोग नदी/नाला से पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है। वहा के मुखिया को जब इन सभी बातों से अवगत कराते हैं तो वह आज/कल  कहकर टाल देते हैं, या यह मेरा काम नही है अपना पल्ला झाड़ देते हैं। इन सभी बातों  की जानकारी जब प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रवण राम  को दीया गया तो वे भी 14वी तथा 15वी वित्त योजना का हवाले देते हुए कहा कि यह योजनाएं समाप्त हो गई है जब फंडिंग आती है तो सोचते हैं, इस प्रकार वे भी अपना पल्ला झाड़ देते हैं। जो यह बहुत ही निंदनीय बात है इस पर यहां के आदिम जनजाति दाशो बिरहोर, फिरंगी, महेंद्र, शहलू, ननकु, राहुल ऊर्फ नंदलाल, जितेंद्र बिरहोर  इन सभी लोगों के विरुद्ध नाराजगी जताई है।

रिपोर्टर : मोo साजिद

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