भक्ति व मुक्ति का एक आधार है शिव महापुराण
भानुप्रतापपुर : शिव महापुराण कथा भक्ति एवं मुक्ति का एक मात्र आधार है,शिव महापुराण व शिव मंत्र में इतनी शक्ति रहती है कि मौत के शय्या में सोने वाले को भी ले जाने के लिए यमदूत कतराते है इसलिए मानव को अपने जीवन मे कम से कम एक बार शिव का अनुष्ठान अवश्य करना चाहिए कथा के दौरान पंडित अनिल महाराज जी ने कही ।
स्थानीय सिद्ध श्री साई मंदिर प्रांगण स्थल में संगीतमय शिव महापुराण कथा का आज दूसरे दिवस शिव महापुराण कथा जीवन मे भक्ति व मुक्ति का एक आधार माना गया है। शिव महापुराण में 24 हजार श्लोक है। कथा चितमन से सुनकर आत्मसात करनी चाहिए। कई जीवन मानव के निकल जाते है पर शिव कथा नही देख पाती है।
प्रेम भक्ति की गंगा में नहाले, प्रभु भक्ति में मन को लगाले तो मानव का जीवन सार्थक हो जायेगा। मकान अपनी पसंद की होती है,लेकिन मसान शिव की पसंद की है जहां सहानुभूति व शांति होती है।सावन मास में मिट्टी के शिवलिंग बनाने वाले भक्तो पर शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है उसके जीवन मे समस्त कष्ट तकलीफ दूर हो जाती है।
साई मंदिर कैलाश धाम बना हुआ है,सभी देवी-देवताओं का वास है। श्री महाराज जी ने कहा कि इंसान देवी-देवताओं को आपस मे बांट लेते है लेकिन वास्तव में भगवान सब एक ही है। लेकिन अंतिम समय मे भगवान शिव की धाम याने मसान में ही आना पड़ता है। शिव महापुराण में भगवान शिव के कई कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया। भगवान शिव का निवास स्थान धरती बताया गया, यहा हर कण-कण पत्थर में भगवान शिव का वास है। वही शिव के गले मे धारण करने वाले सर्प को नारायण बताया गया है।
रिपोर्टर : दिनेश नथानी
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