किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे , आज किसान बनाएगें नया चक्रव्यू

कोरोना की पहली लहर के बाद एक लहर और आई थी और वो थी किसानों की लहर , किसानों का ऐसा आंदोलन जो 90 के दशक वाले लोगों ने पहले कभी नहीं देखा होगी . किसानों का ऐसा चक्रव्यू जो पहले कभी इतनी मजबूती के साथ नहीं गढ़ा गया था . आज उसी आंदोलन को 6 महिने पूरे हो गए हैं  .दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर आज देशभर में किसान 'काला दिवस' मनाएंगे और जगह-जगह धरने-प्रदर्शन करेंगे. किसानों के इस प्रोटेस्ट को देश की दर्जन भर से ज्यादा विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है. इस प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए बड़ी तादाद में यूपी, हरियाणा और पंजाब से किसानों के नए जत्थों के दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने का सिलसिला जारी है. खास बात यह है कि यह विरोध प्रदर्शन उस दिन किया जा रहा है, जब 2014 में नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी.ऐसे में विपक्ष के सपोर्ट को देखते हुए इसके कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं.

उधर, किसानों ने भी पुलिस और प्रशासन से जोर आजमाईश करने की पूरी तैयारी कर ली है.किसान नेता दिल्ली के बॉर्डर्स पर काला झंडा फहरा कर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा कर चुके हैं. ऐसे में देखना होगा कि पुलिस उन्हें कई फुट ऊंचा काला झंडा फहराने की इजाजत देती है कि नहीं. इसके अलावा पुलिस के पास ऐसा भी इनपुट है कि सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर से किसानों के कुछ जत्थे विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर सकते हैं। इसे देखते हुए मंगलवार से ही दिल्ली के तीनों बॉर्डर्स पर, जहां पिछले 6 महीने से किसान डटे हुए हैं, पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है. बॉर्डर पर और आस-पास के अन्य इलाकों में बड़े पैमाने पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर ट्रैफिक डायवर्जन भी किया जा सकता है, जबकि लॉकडाउन के चलते मेट्रो पहले से बंद ही चल रही है.

छह महीने के आंदोलन में छह बड़ी बातें

  • 10 दिसंबर को एक्सप्रेसवे के 14 लेन को किसानों ने किया बंद
  • 15 दिसंबर को नरेश टिकैत की महापंचायत में उमड़े किसान
  • 22 जनवरी को सरकार से आठवीं दौर की वार्ता के बाद फिर बात नहीं हुई
  • 26 जनवरी को पूरे दिल्ली में दौड़ा किसानों का हजारों ट्रैक्टर
  • 28 जनवरी को राकेश टिकैत के आंसू टपके तो उमड़ पड़े किसान
  • 18 अप्रैल को दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाली लेन को पुलिस ने खोला

 

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