उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की वर्चुअल समीक्षा बैठक संचारी रोग नियंत्रण एवं कोविड टीका करण के विषय

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की वर्चुअल समीक्षा बैठक संचारी रोग नियंत्रण एवं कोविड टीका करण के विषय में आयोजित की गई। जनपद कुशीनगर से जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनआईसी के वीडियो कॉन्फ्रेंस रूम से इस वर्चुअल बैठक से जुड़े। विदित हो कि संचारी रोग में जापानी इंसेफेलाइटिस एवं एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से पूर्वांचल का क्षेत्र काफी प्रभावित रहता है। इस संदर्भ में गोरखपुर मंडल के कुशीनगर एवं देवरिया क्षेत्र संचारी रोगों से ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक है। संचारी रोगों के नियंत्रण हेतु विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन विभागों में चिकित्सा स्वास्थ्य, आईसीडीएस, जिला पंचायती राज, नगर निगम, पशुपालन ,दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग ,स्वच्छ भारत, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग इत्यादि हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी ने सभी विभाग को इस संदर्भ में निर्देशित किया। जिला पंचायती राज विभाग को निर्देशित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी जलजमाव ना हो, तालाब स्वच्छ हो , गंदा पानी इन तालाबों में ना जाए, खुले में शौच की व्यवस्था ना हो, आईसीडीएस विभाग को निर्देशित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषित बच्चों की पहचान उनका उपचार तथा आशा और ए0 एन0एम0 के द्वारा जन जागरूकता फैलाई जाए। एनजीओ को इस कार्य से जोड़ा जाए। मलिन बस्तियों के बच्चे इन बीमारियों से ज्यादा प्रभावित होते हैं अतः मलिन बस्ती के बच्चों के आंगनवाड़ी में पुष्टाहार पहुंचे। शिक्षा विभाग को निर्देशित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि 0 से 15 वर्ष तक के बच्चे इन बीमारियों की चपेट में ज्यादा आते हैं, और इस उम्र के बच्चे शिक्षा से जुड़े होते हैं। शिक्षा विभाग अपने स्तर से मीटिंग बुलाकर जागरूकता फैलाये। सबसे महत्वपूर्ण बात इन के समय से ट्रीटमेंट की है। ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई जाए। अध्यापक और अभिभावकों की मीटिंग छोटे ग्रुप में बुलाकर जागरूकता फैलाई जाए। स्वच्छता शुद्ध पेयजल इन सब के संदर्भ में जागरूकता फैलाई जाए। जनपद/ विकासखंड स्तर पर हैंड बिल, मैसेजेस के माध्यम से लोगों को जागरूक करना होगा। माननीय मुख्यमंत्री ने नगर निगम व शहरी विकास को भी इस संदर्भ में फागिंग, स्वच्छता ,पेयजल जांच, खुले में शौचालय, मच्छरों की रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान हेतु निर्देशित किया। पशुपालन विभाग को माननीय मुख्यमंत्री ने निर्देशित करते हुए बताया उन सफाई कर्मियों के लिए जो कि सुअर का पालन करते हैं उनके पुनर्वास के लिए व्यवस्था की जाए। व्यवस्थित पुनर्वास की योजना बनाई जाए। चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से रीजनल वायरोलॉजी सेंटर गोरखपुर में बनाया जा रहा है, उसकी प्रगति की रिपोर्ट पूछी। जल शक्ति विभाग को उन्होंने कहा कि पेयजल कनेक्शन देना शुरू किया जाए, मैन पावर बढ़ाई जाए आईटीआई पास को प्लंबर की ट्रेनिंग दी जाए । शुद्ध पेयजल एवं ट्रेनिंग कार्यक्रम को करवाया जाए ड्रेन डिपार्टमेंट जलजमाव को नियंत्रित करें खेतों में पानी भर गया है ड्रेन के माध्यम से पानी को बाहर निकाला जाए। मा0 मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर आसपास के क्षेत्र ए0 ई0 एस0 और जे0 ई0, वाराणसी में कालाजार और डेंगू, नेपाल बॉर्डर से सटे हुए क्षेत्र इंसेफलाइटिस व अन्य बीमारियों, बरेली मलेरिया से बुंदेलखंड चिकनगुनिया से प्रभावित क्षेत्रों में है। सूचना विभाग को उन्होंने जनपद स्तर/ विकास खंड स्तर पर होर्डिंग के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने के लिए निर्देशित किया । उन्होंने कहा कि पंचायत भवनों में भी होर्डिंग के माध्यम से जन जागरूकता फैलाई जाए। टेलीविजन चैनलों पर बचाव के बारे में उपायों को बताया जाना चाहिए। माननीय मुख्यमंत्री जी ने कमिश्नर गोरखपुर एवं बस्ती से भी इस संदर्भ में रिपोर्ट लिया। आयुक्त गोरखपुर ने बताया कि गोरखपुर मंडल में ए0 ई0 एस0 के 109 मामले हैं जिनमें कुशीनगर व देवरिया प्रमुख हैं। मुख्यमंत्री ने पिछली बैठकों के दिशा निर्देश को मंडल के सभी जनपदों में लागू कराने की बात की। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बहुत जागरूक रहना पड़ेगा। 80 से 85% मामले इसी मंडल में और इन्हीं जनपदों में मिलते हैं। अतः समय से पहले तैयारी करनी होगी। समय से पहले मानसून का आगमन हो रहा है ,जागरूकता का अभाव है, अतः इंसेफलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर एवं मिनी पीकू की व्यवस्था होनी चाहिए। हर एक जनपद में इस संदर्भ में अंतर्विभागीय बैठक होना चाहिए ।शुद्ध पेयजल के प्रति लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। प्रत्येक जनपद में उपचार से पहले बचाव की तैयारी की जाए। कोरोना के संदर्भ में मा0 मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर उत्तर प्रदेश में अच्छा काम हुआ है। अभी पूरे प्रदेश में 300 से भी कम पॉजिटिव केस है तथा एक्टिव केस 5000 से भी कम है। यह उत्तर प्रदेश के लिए एक उपलब्धि है, लेकिन चुनौती अब सामने आई है । अतः सतर्कता बरतते हुए अंतर्विभागीय समन्वय की बैठक करें। अपने सर्विलांस को मजबूत करें। जनप्रतिनिधि/ सांसद विधायक /प्रभारी मंत्रियों से बातचीत करके मेडिसिन किट घर घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उपचार की व्यवस्था की तैयारी अभी से देख ले। प्रशिक्षण के व्यवस्थित कार्यक्रम की तैयारी अभी से की जाए। तीसरी लहर की चुनौती की आशंका को देखते हुए 4 रणनीतियों के तहत कार्य किया जाए। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, फागिंग, शुद्ध पेयजल। जहां शुद्ध पेयजल नहीं है वहां पानी को उबालकर पीने के लिए प्रेरित किया जाए। अभिभावक बूथ बनाया जाए, पीकू और आइसोलेशन वार्ड युद्ध स्तर पर तैयार किया जाए। इस संदर्भ में जनपद स्तर पर प्रतिस्पर्धा पुरस्कार भी आयोजित की जाएगी । जिन जनपदों में एक भी मामले लगातार 1 सप्ताह तक नही है, उसको शासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। टीकाकरण कार्यक्रम में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए ,और ट्रेंड मेन पावर का इस्तेमाल किया जाए। 21 जून को कर्फ्यू में कुछ छूट दिया जाएगा। पुलिस पेट्रोलिंग नियमित हो, लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं हो ,हर एक दुकानदार को बोला जाए कि बिना मास्क के सामान नहीं दिया जाए ,भीड़ भाड़ ना होने दें, कोविड गाइडलाइन को फॉलो करने के लिए प्रेरित करें ।अभी कोरोनावायरस कमजोर जरूर हुआ है खत्म नही हुआ है। कोरोना की तीसरी लहर तथा संचारी रोग का एक ही समय में आना एक चुनौती है। इस चुनौती से हमें पहले से ही तैयारी करके निपटना होगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अनुज मलिक , मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र गुप्ता, डीपीआरओ राघवेंद्र द्विवेदी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी समेत सम्बन्धित विभाग के अधिकारी गण मौजूद रहे।. . . . . रिपोर्टर, राशिद बिल्लाह

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