लखीमपुर कांड में प्रियंका के तल्ख तेवर की इंदिरा से तुलना, याद आया 'बेलछी कांड'

अगर इस गाड़ी में मुझे ले जाओगे तो मेरा अपहरण करोगे... जबरदस्ती धकेलकर ले जा रहे हो मुझे, तुम्हारा कोई हक नहीं है.छू के देखो मुझे...ये शब्द है  प्रियका गाँधी के है ... जी हाँ प्रियका गाँधी ने ये सब उस वक्त बोला जब कल वो पुलिस को चकमा देकर लखीमपुर कूच के लिए निकल पड़ी थी.... उस वक्त किसानों से मिलने लखीमपुर जाने से रोकने पर प्रियंका ने अपना रौद्र रूप भी दिखाया .. यूपी चुनाव से ठीक पहले लखीमपुर कांड ने कांग्रेस को बड़ा मुद्दा दे दिया है.. जिसके बाद प्रियंका गांधी रात ही में लखनऊ से लखीमपुर के लिए रवाना हुईं, जहाँ उन्हें पुलिस द्वारा रोका गया तो उनके तेवर बेहद तल्ख दिखे.ऐ ऐसे में कांगेंस के इतिहास का एक पुराना किस्सा याद आता है... बेलछी कांड,  जी हां बेलछी कांड  जिसे मुद्दा बनाकर इंदिरा गांधी ने सत्ता में जबरदस्त वापसी की थी .हालाँकि इन दोनों ही घटना का कोई मेल नहीं है, लेकिन कांग्रेस की हालत का कनेक्शन इससे जरूर जुड़ा है... तो आपको बताते है कि आखिर कैसे लखीमपुर का मामला यूपी कांग्रेस के लिए  बेलछी कांड के जैसे ही मील का पत्थर साबित हो सकता है ..

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई… इस बीच लखीमपुर खीरी मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है और अलग-अलग पार्टियों के नेता लखीमपुर खीरी आने की कोशिश में हैं. वहीँ प्रियंका गांधी भी कल रात अपने निवास से निकल कर लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुईं थी. प्रियंका गांधी वाड्रा का काफिला पुलिस को चकमा देकर लखीमपुर खीरी के लिए निकला था.  बाद में पुलिस ने प्रियंका को सीतापुर के हरगांव से हिरासत में ले लिया और उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया है.  इस बीच जिस तरह से प्रियंका गांधी पीड़ित किसानों से मिलने की जिद पर लगातार अड़ी है ,
उसे  देखकर लोग इस घटना की तुलना 1977 में हुए बिहार के बेलछी कांड में इंदिरा के सख्त अंदाज से कर रहे हैं। जिस तरह आपातकाल के बाद जब इंदिरा गांधी ने जनता के बीच अपना विश्वास खो दिया था और 1977 का चुनाव हार गई थीं। उसी बीच बेलछी कांड हुआ तो इंदिरा ने वहां जाने का फैसला किया था। बाकायदा हाथी पर सवार हो कर उन्होंने यहां का दौरा किया, जिसके बाद उनका राजनीतिक पुनरुत्थान हुआ था।

इसी कड़ी में अब प्रियंका गांधी भी लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की मौत के मामले में जिस तरह से किसनो से मिलने के लिए अड़ी है  । ऐसे में प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में ले लिया गया. जिसके बाद उन्हें सेकंड बटालियन गेस्ट हाउस ले जाया गया. लेकिन प्रियका गाँधी अब भी लगातार एक ही शुर लाप  रही है की  वो किसनो से मिले बैगर नहीं जाएगी ... ..

 

इस पूरे घटनाक्रम को देखकर एक बार प्रियंका गांधी की इंदिरा गांधी से तुलना हो रही है... साथ ही सवाल उठ रहे कि क्या कांग्रेस की यूपी में डूबी नैया को प्रियंका उसी तरह पार लगा सकती हैं जिस तरह बेलछी कांड के बाद इंदिरा गांधी ने सत्ता में फिर से वापसी की थी.. फिलहाल प्रियंका का ये तेवर कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएंगा तो आने वाला वक्त ही बताएगा... फिलहाल हम बढ़ते है हमारी अगली खबर की ओऱ

 

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