ग्रामीणों पर वन विभाग का कहर

लखीमपुरखीरी : मैलानी विकासखंड बांकेगंज अंतर्गत ग्रामसभा सलामत नगर ग्राम नारंग गांव में इन दिनों मातम का माहौल है गांव में किसी के चेहरे बच्चे बूढ़े जवान पर हंसी नहीं दीख रही गांव में कोई खुश नहीं है लोगों के घर में चूल्हा नहीं जल रहे हैं ग्रामीण कहते हैं कि बच्चों के लिए थोड़ा बहुत खाना बन जाता है बाकी हम लोगों की भूख तो मर चुकी है ।

ग्रामीणों से जब वजह जानने की कोशिश की गई तो ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग यहां लगभग 70 सालों से काबिज हैं और यह जगह किसी राजा की थी यहां हम लोगों को 70 वर्ष पहले बसाया गया था सन 1950 से 1960 के बीच जमीनों का लगान भी हम लोगों ने जमा किया था हम लोगों के पास जमीनों के सभी दस्तावेज हैं कुछ वर्ष पहले गांव में आग लग गई थी जिसे पूरा गांव जलकर नष्ट हो गया था उसी अग्नि में कुछ ग्रामीणों के जमीन के कागजात जलकर राख हो गए ।


अब वन विभाग कह रहा है कि जमीन हमारी है आज दिनांक 24 जून 2022 से कुछ दिनों पहले वन विभाग के द्वारा गांव में बने सरकारी स्कूल पर 2016 का एक नोटिस चस्पा कर दिया गया था उसके बाद वन विभाग मय फोर्स राजस्व विभाग के साथ गांव में पहुंचकर गांव के चारों तरफ खूंटा गढ़वा दिया और बोला कि आप लोगों को गांव और जमीन छोड़ कर जाना होगा अगर आप लोग गांव और जमीन छोड़कर नहीं गए तो बुलडोजर चलेगा  तुम लोगों की फसलो को नष्ट कर दिया जाएगा और पौधा लगाया जाएगा ।

ग्रामीण जानना चाहते हैं कि अगर हम लोग 70 सालों से यहां काबिज हैं और संपूर्ण सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया है और जमीने हमारी हैं तो वन विभाग हम लोगों को क्यों परेशान कर रहा है ग्रामीण यह भी कहते हैं कि अगर जमीन वन विभाग की है तो हम लोगों को यहां क्यों बसाया गया क्यों बसने दिया गया उस समय वन विभाग कहां था आज जब हम लोग लाखों रुपए लगाकर घर बना चुके हैं इन्हीं घर और जमीनों पर आश्रित हो चुके हैं तो अब हम लोगों को घर से बेघर क्यों किया जा रहा है ग्रामीण कहते हैं कि वन विभाग के इस रवैया से कुछ महिलाएं इतनी चिंतित हो गई है कि अपना मानसिक संतुलन खो चुकी हैं ग्रामीण कहते हैं कि हमारी कोई सुनने वाला नहीं है प्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से ग्रामीण उम्मीद लगाए बैठे हैं कि प्रदेश के मुखिया ही हम लोगों को बचाएंगे । ग्रामीणों के पास जीवन यापन का खेती ही मात्र एक सहारा है जिसे वन विभाग लेना चाह रहा है अगर ऐसा हुआ तो ग्रामीणों का भरण पोषण कैसे होगा गांव में मातम का माहौल हैं ।

रिपोर्टर :  रामेश्वर सिंह

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