जितेंद्र बहादुर सिंह की सूचना आयुक्त पद की दावेदारी से लोगों में उल्लास की लहर

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के खाली पद के लिए दावेदारी ठोकने वाले जितेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा आवेदन करने के पश्चात सूचना आयुक्त पद के लिए लोगों में आश जगी है कि अब उनके आने से आयोग में जनसुनवाई के वादो के निस्तारण की राह सुगम और आसान हो जाएगी। आवेदन के बाद से ही प्रदेश भर के समाजसेवी, अधिवक्ताओं, पत्रकारों एवं आर.टी.आई. एक्टिविस्टों में उल्लास की लहर है।  कर्मठ-जुझारू जितेन्द्र सिंह ने जहां निष्पक्ष पत्रकारिता किया वहीं जनसेवा के लिए हमेशा समर्पित भी रहे हैं।  लखनऊ विश्विद्यालय से स्नातक, राष्ट्रीय कैडेट कोर से बी ग्रेड प्रमाणपत्र एवं अन्य तकनीकी विषयों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया है।  

जितेंद्र सामाजिक संस्था 'भारतीय पत्रकार एवं मानवाधिकार परिषद (रजि०)' में बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ अनेकों संस्थाओं में भी विभिन्न पदों पर रहकर उनका प्रबंधन एवं सामाजिक कार्यों में सक्रियता के साथ भूमिका निभा रहे हैं। समाजसेवा एवं पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान कराने के लिए तत्पर रहते हैं।

उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त के पद पर आवेदन के दिन से ही सुर्खियों में रहे जितेन्द्र ने सूचना आयुक्त चयन समिति के अध्यक्ष सीएम योगी आदित्यनाथ, समिति के सदस्य कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी समेत प्रदेश की राज्यपाल एवं प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार विभाग को पत्र लिखकर अवगत कराया कि यदि उनकी नियुक्ति सूचना आयुक्त के पद पर होती है तो वे सुनवाई कक्ष एवं कार्यालय कर्मचारियों के वेतन का भुगतान स्वयं के वेतन से करेंगे। उन्होंने लिखा कि सूचना आयोग में कर्मचारियों की कमी है, जिसकी वजह से उन्होंने जनहित में यह फैसला लिया है।  जैसाकि सूचना आयोग में आयोग के अंदर कई समस्याओं व विवादों का निस्तारण समय अवधि में नहीं होता, ऐसे में सूचना आयुक्त पद पर जितेन्द्र की दावेदारी से लोगों में उत्साह के साथ ही उम्मीद भी जगी है कि उनकी नियुक्ति से आयोग को नया आयाम मिलेगा।

 

 रिपोर्टर- शमशाद अली

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