स्कूल न खुलने से प्रबन्धकों व अध्यापकों का बुरा हाल , फ्री फायर गेम में स्कूली बच्चे पढ़ रहे एक दो तीन चार*

महराजगंज: कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष से ही सरकारी व प्राइवेट स्कूल बन्द पड़े है । बीते कुछ महिने पहले हाई स्कूल व उससे उपर वाले दर्जा के बच्चो का विधालय खोलने का आदेश दिया गया लेकिन फिर कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विधालय को बन्द कर दिया गया । आपको बताते चले की सरकार द्वारा सरकारी स्कूल में अध्यापकों की उपस्थित 1 जुलाई से अनिवार्य कर दिया गया लेकिन बच्चो को स्कूल में आने की अनुमति नही दी गई वही प्राइवेट स्कूल के प्रबंधन व अध्यापक कोरोना महामारी के कारण भुखमरी के कागार पर आ गए है । कोरोना महामारी के पहले जिनका स्कूल चल रहा था और अध्यापकों द्वारा बच्चो को पढ़ा कर उनकी फिस से रोजी रोटी चलता था आज वह दो जून के रोटी के लिए तरस रहे है और आर्थिक स्थित कमजोर हो गया है ।जिससे अब प्राइवेट स्कूल के आध्यापक दुसरे प्रदेश में जाकर कोई नई रोजगार की तलाश कर रहे है जिससे उनका व उनके परिवार का जरूरते पुरी हो सके । वही कई प्राइवेट स्कूलें आनलाइन पढ़ने के दावे कर रही है लेकिन आनलाइन पढ़ाई फेल नजर आ रहा कही बच्चो को नेटवर्क नही मिल पाता तो कही आनलाइन के पढ़ाई के बहाने अधिकतर बच्चे फ्री फायर गेम खेलने मे मस्त है जिससे उनकी भविष्य खराब हो रही है और अधिकतर बच्चे गेम के आदी बन चुके है । वही दर्जनों अध्यापकों से हमारे संवाददाता ने बात किया तो अधिकतर मास्टरों ने बताया सरकार को चाहिए की जिस तरह बाजार में भीड़ भाड़ व दुकानें खुलने का आदेश दिया गया है वही सरकार को प्राइवेट विधालय खोलने व बच्चो कों विधालय में पढ़ने आने का आदेश दे देना चाहिए । वही विधालय के प्रबंधक अजय कुमार , मन्नान खान , अभिलाष चतुर्वेदी, इरफान खान,सरोज शर्मा सहित दर्जनों प्रबंधनको ने बताया की पिछले साल से ही विधालय बन्द होने के कारण विभिन्न प्रकार की समस्या उत्पन्न हो गई है।जिस विधालय में सैकड़ो लोंगो को रोजगार मिला था आज वह बेरोजगार हो गए है ।साथ ही हम सब को भी विभिन्न प्रकार के खर्चे थे जिससे अब हम सब भी रोड पर आ गए है । सरकार को चाहिए कि जिस तरह बाजर व दुकानों को खोला गया है उसी प्रकार सरकार को स्कूलों को भी खोल दे जिससे बच्चों के भविष्य उज्जवल हो सके और सभी लोगों के समस्या का समाधान हो सके । सभी प्रबंधनको ने यह भी कहा अगर सरकार द्वारा स्कूल खोलने की अनुमति दी जाती है तो सरकार के गाइडलाइन का पालन हम सब मिलकर करने के लिए तैयार होंगे । अब बड़ा सवाल यह है कि अगर सरकार द्वारा माल होटल बाजार और विभिन्न प्रकार की दुकाने खोलने की अनुमती दे दिया गया है तो क्या नई गाइडलाइन जारी कर विधालय खोलने व विधालय में बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने की अनुमति नही मिल सकती । आखिर क्या सरकार बच्चो को स्कूल भेजने से डर रही है । क्या सरकार बच्चो के सुरक्षा की तैयारी नही कर पायी है ? जिससे स्कूल खोला जा सके । .................. *REPORT BY- ANGAD SHARMA*

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