मासिक शिवरात्रि कल, जानें कैसे करें पूजा कि पूरी हो सारी मनोकामनाएं

हिन्दू धर्म में महादेव, त्रिदेवों में सबसे महत्वपूर्ण देवता हैं जो भोलेनाथ, महादेव, शिव शंकर, नीलकंठ, महेश, रुद्र, गंगाधार, महाकाल इत्यादि सैकड़ों नामों से जाने जाते हैं. पुरे विश्व में भोले बाबा के लाखों भक्त आज भी मौजूद हैं. ये देवों के भी देव महादेव हैं, जो की कैलाश पर्वत पर अपनी अर्धांगिनी (शक्ति) माता पार्वती और अपने दोनों पुत्रों गणेश और कार्तिके के साथ निवास करते हैं. भोलेनाथ की पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती हैं.मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है, मासिक शिवरात्रि हर महीने में एक बार आती है. इस तरह से पूरे साल में 12 मासिक शिवरात्रि होती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का व्रत रखने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं. इस माह मासिक शिवरात्रि 08 जून, मंगलवार को दिन में 11 बजकर 24 मिनट से प्रारंभ हो रही है, इसका समापन 09 जून दिन बुधवार को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर होगा. मासिक त्योहारों में शिवरात्रि के व्रत का बहुत महत्व होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन आधी रात को शिवलिंग के रूप में भगवान उत्पन्न हुए थे. शिवलिंग के रूर में प्रकट होने के बाद सबसे पहले उनकी पूजा ब्रह्मा जी और विष्णु जी ने की थी.हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जाती है. मासिक शिवरात्रि, शिव और शक्ति के संगम का एक पर्व है. आइए जानते हैं व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

मासिक शिवरात्रि 2021 मुहूर्त:

शिवरात्रि मुहूर्त: 08 जून: रात 12 बजे- रात 12 बजकर 40 मिनट तक.

पूजा की कुल अवधि : 40 मिनट.

पूजा विधि...

  • इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें.
  • इस समय कोरोना महामारी की वजह से घर में ही भोलेनाथ की पूजा- अर्चना करें.
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
  • अगर घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें.
  • भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें.
  • भोलेनाथ का अधिक से अधिक ध्यान करें.
  • ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करें.
  • भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.
  • भगवान की आरती करना न भूलें.

 

 

 

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