अपने देश नमीबिया के बारे में बताकर प्रसन्न होती संस्कृति विवि की छात्राएं

मथुरा :  संस्कृति विश्वविद्यालय में अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए मनाया जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले अफ्रीकी देशों के छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह और गर्व के साथ अपने देश की विशेषताएं बताईं और अपने राष्ट्रीय गीतों को भी प्रस्तुत किया। विवि के शिक्षक और छात्रों ने सभी राष्ट्र गान पर सम्मान के खड़े होकर इन अफ्रीकी देशों के छात्र-छात्राओं के उत्साह को दूना कर दिया। 

इस देशभक्ति और भावनाओं से ओतप्रोत अफ्रीकी छात्र-छात्राओं के कार्यक्रम में मंच से जानकारी देते हुए बताया गया कि अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पहली बार 31 अगस्त 2021 को मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य दुनिया भर में अफ्रीकी डायस्पोरा के असाधारण योगदान को बढ़ावा देना और अफ्रीकी मूल के लोगों के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को खत्म करना है।

इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर खास आकर्षण बनी अफ्रीकी देशों के छात्र-छात्राओं की वेश-भूषा। सभी विद्यार्थियों ने अपने देश के परंपरागत परिधान पहन कर प्रतिनिधित्व किया। विद्यार्थियों ने परंपरागत नृत्य और गायन का भी प्रस्तुत किया। यद्यपि भारतीय छात्र-छात्राओं को उनकी भाषा समझ से परे थी लेकिन उनके भावों ने इस समस्या को भी हल कर दिया। घाना की छात्रा एलिजाबेथ ने बड़े गर्व से बताया कि मेरा देश अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा सोने, कोको बीन्स का उत्पादक है। उसने बताया कि हमारे यहां ज्यादातर लोग हाथ के बने वस्त्र ही पहनते हैं। लीसोथो की रहने वाली छात्रा रीबोकिल ने बताया कि मेरा देश बर्फ की पहाड़ियों से घिरा खूबसूरत देश है। लाइबेरिया के छात्र विस्टन नेली ने बताया कि सर्फिंग के शौकीनों के लिए मेरा देश स्वर्ग है। मलाविया की छात्रा मैमोरी ने अपने साथियों के साथ बड़े रुचिकर ढंग से बताया कि उनके देश की नदियों में मछलियों की सर्वाधिक प्रजातियां पायी जाती हैं। नबिया के के लियोपोर्ड और अन्य छात्रों ने बताया कि हमारा देश पर्यटन के लिए दुनिया में पहले स्थान पर है।

रवांडा के छात्र इरिक ने बड़ी खूबसूरती के साथ अपने देश की सुंदरता, त्योहारों, समारोहों, उनमें होने वाले नाच-गानों का वर्णन किया। छात्र टिट्टो ने दक्षिणी सूडान, प्रीटी ने स्वाजीलैंड, छात्र वांजीवू ने जांबिया, छात्र बेन ने जिम्बावे के बारे में बड़े गर्व के साथ उपलब्धियों, खानपान, ड्रेस और संस्कृति के बारे में बताया। इन सभी विद्यार्थियों ने अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में विस्तार से जानकारी दी और पूरे उत्साह के साथ अपने देश के राष्ट्रगान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में मौजूद संस्कृति विवि के चांसलर सचिन गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी मीनाक्षी शर्मा, डा. रजनीश त्यागी, डीन अकेडमी डा. योगेश चंद्र आदि ने पूरे समय मौजूद रहकर इन अफ्रीकी मूल के छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन अनुजा गुप्ता ने किया।    

दिन का इतिहास: वर्ष 2020 ने अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक के मध्यावधि को चिह्नित किया। जबकि विधायी, नीति और संस्थागत स्तरों पर कुछ प्रगति हुई है, अफ्रीकी मूल के लोग नस्लीय भेदभाव, हाशिए पर और बहिष्करण के परस्पर और मिश्रित रूपों से पीड़ित हैं। 19 जून 2020 को, मानवाधिकार परिषद ने "कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा बल के अत्यधिक उपयोग और अन्य मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ अफ्रीकियों और अफ्रीकी मूल के लोगों के मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के प्रचार और संरक्षण" पर संकल्प को अपनाया गया।

रिपोर्टर : मधुसूदन शर्मा 

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