लापरवाही: सज रहे जुआं के फड़, लॉकडाउन में कोरोना के डर से जुआरी हैं बेखबर

शाहपुर -  क्षेत्र  में जुए के विगत दिनों अड्डे बेखौफ संचालित हो रहे है। जुआ अड्डा संचालक  में पुलिस एवं  प्रशासन का डर गायब हो चुका है। ये निडर होकर जुएं के अड्डे संचालित कर रहे हैं। इसके कारण जिला पुलिस की छवि लोगों के सामने खराब हो रही है। एक ओर कोरोना के चलते शासन प्रशासन गभीर है एवं कोरोना कर्फ्यू लगा है काम धंधे सभी के ठप पड़े हुये  जिससे बिक्री आमदनी मुनाफा बंद हो गया हैं ।तो दूसरी तरह जुआ के फड़ में जुआरी संक्रमण से बिल्कुल मुंह मोड़कर बावन परियों का शौक आजमा रहे है। बताया जाता है कि इन फड़ो को संचालित करने में श्री मानो की  भूमिका संदिग्ध है।   एन एच  से लगे हुये अर्जुन गुंदी  मुख्य मार्ग  के पास ,  बाचा , खारी क्षेत्र में   ढाबे की पीछे   इन दिनों खुलकर बावन परियों का लोग शौंक आजमा रहे है लोग यहाँ  जुआ के फड़ सज रहे है। यहां  लोगो को जुआ खेलते आसानी से देखे जा सकते है।  कोरोना संक्रमण के दौर में जुआरियों को भी इस बीमारी का डर नहीं है। 

 इसके अलावा फड़ संचालित करने वाले लोगो के द्वारा जुआरियों से किराए के रूप मे अलग से पैसे वसूल किए जाते हैं। जिसे जुआरियों की भाषा मे नाल कहा जाता है,नाल एक प्रकार का जुआ की फड़ मे बैठने का किराया होता है,इसे जुआरी रुपए जीतने के बाद फड़ चलाने वाले संचालक को देते हैं। जुआ की फड़ मे रोजाना दो से पांच लाख तक का जुआ खिलवाया जा रहा है। बीस से पच्चीस लोगों की मौजूदगी हमेशा बनी रहती है। इतना बड़ा जुआ होने के बाद भी यहां कभी ने रेड नहीं पड़ी। इस भीषण संकट के दौर में कोरोना महामारी के चलते लोगो को आमदनी के रास्ते बंद है  । अगर समय रहते  जुआ फड़ को बंद नही किया गया तो बड़ी घटना से इनकार नही किया जा सकता है । 

जुआं संचालकों पर  कई आपराधिक मामले है दर्ज  

अवैध जुआ संचालित करने वाले संचालकों पर पूर्व में  पुलिस द्वारा कई अपराध दर्ज किए गए थे यह जुआ संचालक गाँव मे अपना डेरा डाल कर भोली भाली जनता को अपना शिकार बनाते हैं  इन संचालकों पर जिला बदल की कार्यवाही होनी चाहिए।

रिपोर्टर : शैलेन्द्र 

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