आज एक और सच्ची कहानी के साथ कोरोना काल में लघु मसाला पिसाई मशीन एवं धान मील बनी परिवार की आजीविका का आधार

शाहपुर -  विकासखंड के ग्राम-सेल्दा ग्राम पंचायत-बीजादेही की श्रीमती सरिता अखंडे द्वारा एनआरएलएम सहयोग से सतपुड़ाचल कृषक उत्पादक संगठन के मार्गदर्शन में कोरोना काल में कोरोना नियमों का पालन करते हुए मसाला पिसाई एवं धान मील का कार्य किया जा रहा है। जिससे उनको एक दिन में 300 से 500 रुपए तक की आय हो रही है। स्व सहायता समूह के माध्यम से कोरोना महामारी के समय में भी सरिता अखंडे अपनी आजीविका को सशक्त बना रही है। सरिता अखंडे , कबीर स्वयं सहायता समूह, सेल्दा की सचिव एवं सूर्या आजीविका ग्राम संगठन, सेल्दा की अध्यक्ष भी है। सरिता शिक्षित होने के साथ जागरूक महिला भी है। सरिता अखंडे के परिवार में छः सदस्य हैं। सरिता अखंडे के पति की आमदनी से किसी तरह परिवार का भरण-पोषण चल रहा था। आमदनी कम और खर्च अधिक होने के कारण परिवार का भरण-पोषण करने में काफी परेशानी होती थी। सरिता अखंडे को कुछ आमदनी खेती से होती है, ।सरिता शिक्षित महिला होने के नाते शिक्षा के महत्व को समझती है। और हर माँ-बाप की तरह अपने बच्चों को एक अच्छी शिक्षा देना चाहती है। लेकिन आमदनी हर बार उनके लिए एक बड़ा संकट बन कर सामने खड़ा हो जाता है।

सरिता अखंडे को वर्ष 2019 में आजीविका मिशन के माध्यम से स्व सहायता समूह के महत्व एवं फायदों के बारे में पता चला, जिससे प्रेरित होकर वह कबीर आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई। इसी बीच वर्ष 2020-21 मे कोरोना महामारी फैलने के कारण शासन द्वारा पुनः सम्पूर्ण जिले में लॉकडाउन लगा दिया गया। जिसके परिणाम स्वरूप उसको भी किसी भी तरह का काम मिलना मुश्किल हो गया। तब काफी परेशान होने के बाद सरिता अखंडे ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों एवं सतपुड़ाचल कृषक उत्पादक संगठन के सीईओ - योगेश देशमुख से संम्पर्क किया। तब उसे गांव में गठित सूर्या आजीविका ग्राम संगठन के माध्यम से 40 हजार रूपए का ऋण प्रदाय किया गया। इस राशि से सरिता अखंडे एवं उसके पति ने लघु मसाला पिसाई मशीन एवं धान मील लगवाई। । जिसके परिणाम स्वरूप परिवार के लिए एक अतिरिक्त आमदनी होने लगी।

सरिता अखंडे एवं उसके पति द्वारा कोरोना नियमों का पालन करते हुए मसाला पिसाई का कार्य किया जा रहा है। जिससे उसकी एक दिन की आय 300 से 500 रूपए हो रही है। इस प्रकार स्वसहायता समूह के माध्यम से कोरोना महामारी के समय में  सरिता अखंडे अपनी आजीविका को सशक्त बना रही है। सरिता अखंडे आजीविका मिशन को धन्यवाद देती है दूसरे अन्य गरीब परिवारों को अपनी स्वयं की आप बीती सुनाते हुए स्वयं सहायता समूह से जुडऩे के लिये प्रेरित कर रही है। सरिता  कहती है कि यदि हमारे परिवार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का सहयोग एवं सतपुड़ाचल कृषक उत्पादक संगठन  का मार्गदर्शन न मिला होता तो हम और हमारा परिवार कोरोना जैसी आपदा के समय में अपनी आजीविका का निर्वाह नहीं कर पाते।

रिपोर्टर : शैलेन्द्र गुप्ता

 

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.