विवाह के मंडप सजने के पूर्व जूली ने अपनी आत्मा लीला समाप्त कर आंगन को कर दी सुनी

बांका जिले के चांदन प्रखंड अंतर्गत डुब्बा गांव निवासी मनोज झा की पुत्री थी जुली कुमारी, जिसकी उम्र अब 18 वर्ष हो चुकी थी। उम्र की दहलीज पार करते देख उनके माता-पिता व परिवार वालों ने उसका रिश्ता तय कर दिया था। कहते हैं कि दान दहेज की रस्म भी पूरी की जा चुकी थी। जुलाई महीने में उसकी शादी होने वाली थी। 

प्राप्त समाचार के अनुसार जूली रविवार को अपने भाई- भोजाई आपसी कहासुनी होने के कारण बाजार के बहाने घर से निकल गई। लेकिन एक दो घंटा बीत जाने के बाद जब जूली घर नहीं लौटी, पूरे परिवार सदस्यगण चिंताएं होने लगी। गांव के सभी सदस्य गण जूली की तलाश में रात भर खोजते रहे। लेकिन जूली की कहीं पता नहीं चला।

 ग्रामीणों के मुताबिक सोमवार सुबह जूली के पिता मनोज झा कुछ अपने रिश्तेदार के साथ इस संबंध में पुनः जूली की तलाश में बाजार की ओर जा रहे थे। जाने के क्रम में   सोमवार की सुबह उसके अपने गांव से करीब एक किलोमीटर दूर बाराटांड़ से मानिकपुर गांव जाने वाली सड़क  स्थिति एक कुएं में तैरती हुई उसकी लाश मिली। परिजन रविवार को रात भर घर के लोग उसकी तलाश में बेचैन रहे। सोमवार की सुबह बाराटांड़ स्थित एक कुआं में वहां के स्थानीय ग्रामीणों ने एक युवती की तैरती हुई लाश देखी तो इलाके में हंगामा मच गया।

मनोज झा जुली कुमारी के रूप में लाश की पहचान की। फिर तो घर में कोहराम मच गया। घटना की सूचना पुलिस को भी दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को अपने कब्जे में लेकर यूडी केस दर्ज कर पोस्टमार्टम के लिए बांका भेज दी। पुलिस के अनुसार जूली ने शायद कुआं में डूब कर अपनी जान दे दी। लेकिन यह कदम उसने क्यों उठाया? इस बात का खुलासा अभी नहीं हो पाया है। पिता मनोज झा के बयान पर इस मामले में अस्वाभाविक मौत का मामला थाना में दर्ज किया गया है।

रिपोर्टर -राकेश कुमार बच्चे 

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