दिल्ली से कानपुर की यात्रा: महाराजा एक्सप्रेस से आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, हर तरफ रही चौकसी
15 वर्षों बाद देश का कोई राष्ट्रपति ट्रेन से सफर कर रहा है।
भारत के राष्ट्रषपति देश की जनता से मिलने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल किया
राष्ट्र पति कोविंद भी उसी परंपरा का पालन कर रहे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय कानपुर यात्रा । 25 जून यानी शुक्रवार की सुबह राष्ट्रपति दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से प्रेसिडेंट ट्रेन महाराजा एक्सप्रेस से कानपुर के लिए रवाना हुए थे । राष्ट्रपति के साथ ट्रेन से रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा भी कानपुर आई थी ।
सबसे पहले ट्रेन अलीगढ़ पहुंची। इसके बाद टूंडला और फिर फिरोजाबाद पहुंची। करीब पांच बजे ट्रेन इटावा पहुंची। औरैया होते हुए ट्रेन का पहला स्टॉपेज झींझक स्टेशन था। जहां ट्रेन 35 मिनट रूकी। झींझक में रूकने के बाद राष्ट्रपति रूरा पहुंचे। रूरा से राष्ट्रपति की ट्रेन कानपुर सेंट्रल पहुंची। यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी ने उनका स्वागत किया।
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सुबह से ही सुरक्षा और व्यवस्थाओं का जायजा रेलवे व जिला प्रशासन के अफसर लेते रहे। मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर व डीएम आलोक तिवारी ने स्टेशन निदेशक हिमांशु शेखर उपाध्याय के साथ तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए विचार विमर्श किया। केस्को एमडी अनिल ढींगरा ने राष्ट्रपति के रूट वाले रास्तों पर स्टेशन और सर्किट हाउस के बीच बिजली लाइनों की व्यवस्था देखी। दो दिन से इन रास्तों पर बिजली के ढीले तारों को कसे जाने का काम चल रहा है।
बता दे ट्रेन के आने से पहले रेलवे अधिकारियों ने झींझक, रूरा से कानपुर सेंट्रल के प्लेटफार्म नंबर एक तक परख यान से रेलवे लाइन, ओएचई समेत हर प्वाइंट की निगरानी की। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर कोच से पोर्टिको तक जाने के दौरान उनसे मिलने वाले एक दूसरे से दो गज की दूरी पर रहे, इसके लिए संकेत बना दिए गए।
झींझक स्टेशन पर ट्रेन से उतरते ही राष्ट्रपति का जोरदार स्वागत किया गया। ट्रेन में उनकी पत्नी भी मौजूद हैं। प्लेटफार्म पर पहुंचते ही राष्ट्रपति कोविंद ने हाथ जोड़ सभी का अभिवादन किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मैं 2019 से अपनी जमीन पर आने की सोच रहा था अब आया हूं। अपनों के बीच आने की खुशी को मैं चंद शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। दोस्तों और परिवार से मिलने का जो सुख है वो मैं यहां आकर महसूस कर पा रहा हूं।
हालांकि उनकी भतीजी अंजली कोविंद का नाम सूची में न होने की वजह से उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया लेकिन राष्ट्रपति की भाभी और भतीजी हेमलता कोविंद स्टेज पर उनके पास उनसे मिलने के लिए पहुंचीं। इस दौरान स्टेज पर राष्ट्रपति के कुछ बचपन के दोस्त भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति दिल्ली के सफरदजंग रेलवे स्टेशन से प्रेसिडेंट ट्रेन महाराजा एक्सप्रेस से सुबह कानपुर के लिए रवाना हुए थे। शाम पांच बजे महाराजा एक्सप्रेस इटावा पहुंची थी। रेलवे ट्रैक के आसपास बने घरों के लोग इस शाही ट्रेन को देखने के लिए छतों पर आ गए थे। सुरक्षा के चलते दिल्ली हावड़ा रूट पर मालगाड़ियों का आवागमन रोका गया है।
राष्ट्रपति के आने से पहले रूरा स्टेशन पहुंचे आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने पुलिस अफसरों को साफ हिदायत दी थी कि आसपास या दुकानों में कश्मीरी, ईरानी, अफगानी या फिर गैर हिंदी भाषी व्यक्ति मिले तो उसे स्टेशन परिसर से दूर कर दें। यहां आने का कारण आदि जरूर पूछें, गश्त और चौकसी सतर्कता देखने को मिली .
राष्ट्रपति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रूरा स्टेशन के एक किमी तक के ट्रैक पर पुलिस, पीएसी और आरपीएफ के जवान तैनात रहें। ट्रैन के आसपास किसी को भी आने-जाने पर रोक थी।
: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज कानपुर से लखनऊ के लिए रवाना हो गए है. सोमवार की सुबह 10:25 बजे राष्ट्रपति की शाही ट्रेन लखनऊ के लिए रवाना हुई. राष्ट्रपति के रवाना होने के बाद शहर में चारों तरफ ट्रैफिक जाम हो गया. शहर के मरे कंपनी पुल और कटहरी बाग शिव नारायण टण्डन पुल पर वाहनों की लंबी कतार लग गई. कानपुर के पुलिस कमिश्नर ट्रैफिक व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए मरे कंपनी पुल और शिवनारायण टंडन सेतु के बीच पहुंच गए. पुलिस जाम को खुलवाने मे जुट गई है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पांच दिनों की यूपी यात्रा कर रहे है. 26 जून को कानपुर से यात्रा की शुरुआत करने के बाद आज वह लखनऊ पहुंच रहे है. राष्ट्रपति के लखनऊ रवाना होने के बाद कानपुर शहर में चारों तरफ जाम ही जाम लग गया. शहर के पुलिस कमिश्नर को जाम खुलवाने के लिए पुलिस के साथ मशक्कत करनी पड़ी. शहर के कटहरी बाग शिव नारायण टण्डन पुल, मरे कंपनी पुल और शिवनारायण टंडन सेतु पर लंबा जाम लग गया.
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