चांदन हटिया की जमीन पर कुछ राजनीतिक पार्टियां सेंक रही है राजनीति की रोटियां

बांका जिले के चांदन हाट की बगल की जमीन, इन दिनों अतिक्रमण की आंच में कुछ पार्टियां सेक रही हैं राजनीति की रोटियां, चांदन सड़क के किनारे दुकान लगाने वालों का जीवन भी किसी याथावर से कम नहीं है। हटीया की चौड़ीकरण, बाजार का सौंदर्यीकरण विकास की दौड़ में ग्रामीणों का मुस्कान बन कर उभर कर सामने दिखने लगी। आबादी के अनुसार साग सब्जी विक्रेता को पहले हटिया सनक्रीम होने के कारण बैठने में काफी तकलीफ होती थी। सब्जी विक्रेता हाई स्कूल के इर्द-गिर्द रोड के किनारे बैठकर सब्जी बेचते हैं। लेकिन उन विक्रेताओं के साथ मजबूरी है की हटीया की जमीन पर किसी खास आदमी का अतिक्रमण दबंग के साथ कर लिया गया है। इसलिए सब्जी विक्रेताओं को सड़क के किनारे सब्जी बोरे पर रखकर बेचना पड़ता है अगर प्रशासन दुकानदारों को डंडे के बल पर किसी दुकानदार को एक जगह से हटाया जाता है तो वहां दूसरी जगह फिर अपना डेरा डाल लेता है। इसके पीछे उनकी पेट चलाने की मजबूरी है।

दूसरी सबसे बड़ी बात है कि अतिक्रमण हटाने के बाद वहां से विस्थापित होने वाली छोटे दुकानदारों को पुनर्स्थापित करने की कोई योजना नहीं है। वैसे सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा बिहार सरकार की जमीन रोड के किनारे दुकान बनाने की प्रस्ताव लेकर आगे पदाधिकारी को लिखित प्रपोजल के साथ 2012  में जिला से लेकर राज्य स्तर पर पहुंचाने का काम किया है। जिसमें चांदन बाजार सौंदर्य करण के लिए बेकार पड़ा जमीन पर 70 लोगों को अस्थाई दुकान भाड़े पर मिल सकती है इससे सरकार को राजस्व मिलेगा और बेरोजगारों को रोजगार। लेकिन सरकार जगती बहुत देर से है। और समस्या का आलम यह है कि भू माफिया के चलते आज चांदन मुख्यालय की जमीन की कीमत आसमान छू रही है। जो गरीबों की बस की नहीं है। चंदन प्रखंड मुख्यालय की जमीन की कीमत इंच के हिसाब से लगाया जाता है। ऐसे में अतिक्रमण को साफ करने का प्रशासन संकल्प बिना विकल्प बेमानी हो जाता है अतिक्रमण ऐसी स्थिति में कुछ पार्टी के नेताओं द्वारा वर्चस्व की पहचान दिखाती है। लेकिन गरीब अपना पेट चलाने के लिए विवाद नहीं समझौता चाहते हैं। क्षेत्र की जनता सब जानती है। कि चांदन हटिया के इर्द-गिर्द बिहार सरकार की जमीन है। रजिस्टर टू में बिहार सरकार दर्ज है। इसी खाता खसरा किसी व्यक्ति को बंदोबस्त मिला है। लेकिन जब जब नए अंचलाधिकारी आते हैं, अतिक्रमणकारी, समाज विरोधी नेता झूठी- सच कागजात दिखाकर सामंती ताकतों के तहत विवाद खड़ा कर बैठते हैं। लेकिन चांदन की जनता सजग है। इसलिए सोमवार से ही कई समाजसेवी कार्यकर्ताओं द्वारा सामंतवादी के खिलाफ आवेदन सैकड़ों की संख्या में लिखित, एवं डाक रजिस्ट्री के माध्यम से, खुद हाथों से अंचल पहुंचकर अंचलाधिकारी को अवगत कराया जा रहा है। बिहार सरकार की जमीन को बचाना, अपने बच्चों का भविष्य जोड़कर देखना, अपनी धर्म समझकर हजारों की संख्या में लिखित आवेदन दिया जाता है। लेकिन विभागीय कार्रवाही कछुए की चाल में होने के कारण स समय न्याय नहीं मिल पाती है। लेकिन इस बार के विवाद सामूहिक ग्रामीण न्याय दिलाने के लिए चाहती है कि इस विवाद को हमेशा के लिए खत्म किया जाए और जो व्यक्ति आरोप लगाते हैं उनकी कागजात का सही जांच पड़ताल कर 96 डिसमिल जमीन का नापी कर सीमांकन कर दिया जाय। ताकि हमेशा के लिए विवाद खत्म हो जाय।चांदन अंचलाधिकारी महोदय ने कहा कि मुझे आवेदन मिल चुका है इसकी सत्यता की जांच होगी उसके बाद कोई कार्यवाही होगी।

रिपोर्टर- राकेश कुमार बच्चू

 

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