पीएम मोदी ने राजा महेंद्र सिंह यूनिवर्सिटी का किया शिलान्यास

अलीगढ़ में सियासत को याद आ रहे राजा महेंद्र सिंह
हाथरस में खंडहर बन चुकी है राजा महेंद्र सिंह की विरासत
राजा महेंद्र सिंह के नाम पर शुरू हुई राजनीती!
पीएम मोदी ने राजा महेंद्र सिंह यूनिवर्सिटी का किया शिलान्यास
राजा महेंद्र सिंह की निशानी पर नही है सरकार का ध्यान

उत्तर प्रदेश में २०२२ चुनाव को लेकर हर पार्टी सियासी पारी खेलती हुई नजर आ रही है.. जहाँ एक तरफ सभी रानीतिक पार्टी और राजनेता राम लाला के दर्शन करने पहुच रहे हैं तो वही अब अलीगढ़ में भी सियासी पारा चढ़ने लगा है.. वही आज पीएम मोदी अलीगढ़ में कई कार्यक्रमों को संबोधित करने पहुचे...जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र ने आज राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया, और राजा के कर्येओं की सरहाना भी की है..लेकिन वही राजा महेंद्र प्रताप सिंह की विरासत यानी कि उनका किला खंडहर बन चुका है..जिसकी सुध लेने वाला कोई नही है...

आपको बता दें कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले की मुरसान रियासत के राजा थे. जाट परिवार से आने वाले राजा महेंद्र के व्यक्त‍ित्व की खासी पहचान रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाने-माने जाट शासक के तौर पर उनको जाना जाता है. राजा महेंद्र का किला हाथरस के मुरसान में है. हालांकि, ये किला अब खंडहर में तब्दील हो चुका है. जहां कभी किला हुआ करता था, वहां अब खंडहर बचा है. राजा महेंद्र प्रताप सिंह के वंशज इस ध्वस्त हुए किले से कुछ ही दूरी पर रहते हैं. लेकिन ना ही सरकारी विभागों ने और ना ही वंशजों ने किले की देखरेख पर ध्यान दिया. किले के चारों ओर जंगल जैसा नजारा है. जर्जर हाल में इमारत दिन पर दिन नीचे गिर रही है. सीढ़ियों के रास्ते किले की प्राचीर पर जाना भी मुश्किल है. एक-एक ईंट किले की बदहाली की गवाही दे रही है. ईंटें गिरने से सीढ़ियों पर चढ़ना खतरनाक हो गया है. इमारत के अंदर बाहर पेड़-पौधे उग आए हैं. दीवारें अपनी जर्जर हालत को बयां करती हुई नजर आ रही हैं.  

क्या सरकार अब राजा महेंद्र प्रताप सिंह की निशानी उनके किले के ओर्र भी ध्यान देगी ये फिर मात्र राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर राजनीती ही सरकार करेगी ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा....

आपको बता दें कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले की मुरसान रियासत के राजा थे. जाट परिवार से आने वाले राजा महेंद्र के व्यक्त‍ित्व की खासी पहचान रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाने-माने जाट शासक के तौर पर उनको जाना जाता है.
 

राजा महेंद्र का किला हाथरस के मुरसान में है. हालांकि, ये किला अब खंडहर में तब्दील हो चुका है. जहां कभी किला हुआ करता था, वहां अब खंडहर बचा है.

राजा महेंद्र प्रताप सिंह के वंशज इस ध्वस्त हुए किले से कुछ ही दूरी पर रहते हैं. लेकिन ना ही सरकारी विभागों ने और ना ही वंशजों ने किले की देखरेख पर ध्यान दिया.

किले के चारों ओर जंगल जैसा नजारा है. जर्जर हाल में इमारत दिन पर दिन नीचे गिर रही है. सीढ़ियों के रास्ते किले की प्राचीर पर जाना भी मुश्किल है. एक-एक ईंट किले की बदहाली की गवाही दे रही है.

ईंटें गिरने से सीढ़ियों पर चढ़ना खतरनाक हो गया है. इमारत के अंदर बाहर पेड़-पौधे उग आए हैं. दीवारें अपनी जर्जर हालत को बयां करती हुई नजर आ रही हैं.  

 

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