शिवपाल ने ओवैसी से की मुलाकात, 2022 चुनाव पर हो सकता है फैसला
यूपी में चुनावी जमीन तैयार करने में जुटे ओवैसी
शिवपाल और ओवैसी ने की मुलाकात
वंचित शोषित सम्मेलन से ओवैसी तलाशेंगे सियासी आधार
बिहार की तर्ज पर ही यूपी में चले ओवैसी
२०२२ विधानसभा चुनाव में अब वक्त कम है तो वही यूपी में सियासी पर भी चढ़ता ही जा रहा है... ऐसे में बयानबाज़ी और मुलाकात का दौर भी जारी है... हर मुलाकात का नया ही मायने निकलने लगा है.. तो वही उत्तर प्रदेश की सियासत में अपनी जगह बनाने के लिए AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी राजनीतिक बिसात बिछाने में जुटे हैं. मुस्लिम वोटरों के सहारे सूबे में सियासी जमीन तलाश रहे ओवैसी ने मंगलवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की है..
ख़बरें आ रही हैं की AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। बताया जा रहा है शिवपाल और ओवैसी की मुलाकात अखिलेश यादव के लिया झटका भी हो सकता है। अगर दाेनों के बीच समझौता हो जाता है तो सपा के वोट बैंक में सेंध लगना तय है।वही दोनों नेताओं ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया लेकिन माना जा रहा है कि शिवपाल को इस मोर्चे में शामिल कराने का प्रस्ताव दिया गया। अभी शिवपाल ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि इस साल फरवरी में भी औवेसी व शिवपाल यादव आजमगढ़ में एक विवाह समारोह में घंटे भर अलग मुलाकात कर चुके हैं।
वही यूपी में असदुद्दीन ओवैसी सियासी तौर पर बड़ा करिश्मा दिखाने की कवायद में है, जिसके लिए प्रदेश भर में 'वंचित शोषित सम्मेलन' शुरू आज शुरू कर रहे हैं. ओवैसी ने इस सम्मेलन के जरिए कई जिलों में मुस्लिम वोटों के साथ-साथ दलित और वंचित खासकर अतिपिछड़ी जातियों को जोड़ने की रणनीति बनाई है. इसकी शुरुआत मुस्लिम बहुल संभल जिले से हो रही है.
सूबे में अल्पसंख्यक वोटों को जोड़ने के लिए असदुद्दीन ओवैसी संभल में 'वंचित शोषित सम्मेलन' को संबोधित करेंगे. इसके अलावा 25 सिंतबर को प्रयागराज, 26 सितंबर को कानपुर, 30 सितंबर को बहराइच के नानपारा और अगले 10 अक्तूबर को उतरौली में शोषित वंचित सम्मेलन करेंगे और साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अलग-अलग जिलों में बैठक कर उन्हें जीत का मंत्र देंगे. ओवैसी की पार्टी ही नहीं बल्कि भागीदारी संकल्प मोर्चे के घटक दल और कार्यकर्ता भी 'शोषित वंचित सम्मेलन' की तैयारी में जुट गए हैं.
वही जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में अपनी राजनितिक पकड़ बनाने के लिए AIMIM के नेता जुटे हैं इसका असर क्या बीजेपी पर भी पड़ेगा... वही दूसरी तरफ AIMIM नेता ओवैसी की शिवपाल यादव से मुलाकात क्या अखिलेश यादव के लिए बन सकती है बड़ी मुसीबत....
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