सुलेख के माध्यम से युवाओं में लिखने की शैली का विकास - वीरेन्द्र शर्मा

सुलेख के माध्यम से युवाओं में लिखने की शैली का विकास - वीरेन्द्र शर्मा
हिन्दी पखवाड़ा दिवस कार्यक्रम के तहत हुआ श्रुतलेख प्रतियोगिता ।
चयनित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर किया गया सम्मानित ।

रुद्रपुर (देवरिया)। प्रत्युष विहार, रामचक, रुद्रपुर विद्यालय में नेहरू युवा केन्द्र देवरिया द्वारा आयोजित हिंदी दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम के अन्तर्गत श्रुतलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा चयनित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम मुख्य अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि विरेन्द्र शर्मा ने माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलित कर किया । ततपश्चात विद्यालय की छात्रा रागिनी भारती, प्रशंसा, अनुश्री विश्वकर्मा, नन्दिनी व निधि गौतम ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किये ।

समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि आज के युवाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुवे नेहरू युवा केन्द्र विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इसी क्रम में आजादी के 75वें वर्ष में हिंदी दिवस पखवाड़ा के अंतर्गत सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सभी बच्चों ने अपनी लेखनी के माध्यम से अपने अन्दर छिपी हुई प्रतिभा को उजागर करने का कार्य किया है। जिला बालीबाल संघ के सचिव उद्धव प्रसाद गुप्ता ने कहा कि हमें हिंदी के प्रति जागरूक रहना होगा, जिससे हमारे संस्कृति और परंपरा को किसी प्रकार का नुकसान होने से बचाया जा सकता है । हिंदी कवि प्रेम कुमार मुफ़लिस ने अपनी कविता के माध्यम से हिंदी के बारे में सभी को सींचने का कार्य किया। विद्यालय के प्राचार्य राणा प्रताप सिंह ने कहा कि हिंदी हमारे देश की बिन्दी है, जिसे हम सभी को सम्भाल कर रखना पड़ेगा। हिंदी ही है जो हम लोगों को एक सूत्र में पिरो के रखने का कार्य करता है। हम हिंदी बोलने में शर्म करते हैं जबकि हमारी जड़ हिंदी है । हमारा वजूद हिंदी से है, मगर आज तेजी से बदलाव आया है । हमें अपने पुराने संस्कारों की ओर लौटना होगा तभी हिंदी को बचा पाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अनुदेशक संघ के ब्लाक अध्यक्ष मनोज कुमार भाटिया ने कहा कि हमारी राजभाषा हिंदी को उतना महत्व नहीं मिल पा रहा है, जितने की आवश्यकता है । जबकि यह हमारी संपर्क भाषा है। यह सच है कि अभिव्यक्ति जब सहज रुप में अपनी भाषा में होती है तो वह शब्द, शब्द मात्र नहीं रह जाता, उस शब्द की अनुभूति रूह में होने लगती है। नेहरू युवा केन्द्र के युवा स्वयंसेवक इंद्रदत्त नायक ने कहा कि भारत में एकमात्र हिंदी ही ऐसी भाषा है, जो इस छोर से उस छोर सर्वत्र बोली समझी जा सकती है । यही एक मात्र ऐसी संपर्क भाषा है, जिसमें राष्ट्र भाषा बनाने व पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोकर रखने का क्षमता रखता है । इसलिए हम सभी को खुले दिल से इसे अपनाना चाहिए।

इसके उपरांत प्रतियोगिता में सम्मिलित छात्र/छात्राओं को प्रमाण - पत्र एवं सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। जिसमें प्रथम स्थान अनुजा सिंह, द्वितीय स्थान निधि गौतम, तृतीय स्थान सन्नी गुप्ता ने प्राप्त किया।

इस अवसर पर राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, इंजीनियर गौरव सिंह, दिनेश प्रकाश विश्वकर्मा, प्रतीक सिंह, प्रशांत सिंह, निवेदिता गुप्ता, पलक सिंह, प्रज्ञा, शालू सिंह, अमित कुमार पटवा, आलोक मद्धेशिया, ऋषिकेश भारती, शिवदीप यादव, कार्तिक सिंह, राजवीर यादव, विष्णु प्रताप, आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवक रामेश्वर विश्वकर्मा ने किया।

रिपोर्टर : मोइन खान

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