भिखारी ठाकुर के गाँव कुतुबपुर से नाटक देखने आए युवा।

बलिया। बिदेसिया को देख कभी हँसते, कभी रोते रहे लोग। कार्तिक शुक्ल द्वादशी को वैदिक प्रभात फाउंडेशन के कल्पवास शिविर महाबीर घाट गंगा तट पर मंगलवार की रात में भिखारी ठाकुर के नाटक बिदेशिया का मंचन जागरुक संस्थान बलिया के द्वारा किया गया। जिसका निर्देशन अभय सिंह कुशवाहा, विदेशी की भूमिका पुनीत कुमार, पत्नी सुदंरी सलोनी कुशवाहा, बटोही अभय सिंह, रखैलिन स्नेहा डे, लड़का बृजेश राय एवं मित्र की भूमिका छोटेलाल प्रजापति ने निभाई। संगीत निर्देशन पंकज और मृत्युंजय सिंह ने तथा अजीत, रोहित, गुंजन, सुमित ने संगत किया। कलाकार सज्जा तृप्ति देवी एवं मंच व्यवस्था नलिनी पांडेय ने किया।

यूपी बिहार के लाखों बेरोजगार काम की तलाश में गाँव से शहरों की ओर पलायन करते हैं। इसी को भिखारी ठाकुर ने अपने बिदेशिया नाटक में एक युवा विदेशी और उसकी गवनें आई नवोढ़ा पत्नी के माध्यम से उठाया है। विदेशी कमाने के लिए कलकत्ता चला जाता है, वही दूसरी शादी कर लेता है। गाँव में उसकी पत्नी विरह वियोग की आग में झुलसती है। बटोही उसे खोज कर मिलवाता है। सामाजिक व्यवस्था के इस नाट्य मंचन को दर्शकों ने खूब सराहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ फाउंडेशन के संस्थापक बद्री विशाल जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इन्होंने ही कलाकारों को सम्मानित किया। गाटर चौधरी, पीयूष, कृष्णा, अभय, गौरव, बेली का सहयोग रहा। संचालन शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने किया।

रिपोर्टर: अर्जुन साह

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