खुद बीमार है पट्टी का सरकारी अस्पताल

प्रतापगढ़: पट्टी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) तहसील क्षेत्र का एफआरयू सेंटर है। प्रदेश के काबीना मंत्री मोती सिंह की विधानसभा क्षेत्र में आने वाला अस्पताल खुद बीमार चल रहा है। डेढ़ लाख की आबादी को सेहतमंद बनाने की जिम्मेदारी वाले अस्पताल में कई चिकित्सक वर्षों से नहीं हैं।

तहसील मुख्यालय स्थित  सीएचसी का लोकार्पण वर्ष 2000 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। अस्पताल खुलने के बाद से ही सुविधाओं का टोटा बना रहा। अस्पताल में दो फिजीशियन, एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलॉजिस्ट, एक ईएनटी, एक नेत्र रोग विशेषज्ञ और एक हड्डी रोग विशेषज्ञ के पद हैं। वहीं हकीकत में फिजीशियन के दो पद लंबे समय से खाली हैं। वर्ष 2000 के पूर्व यहां पर डॉ. आरके कनौजिया की तैनाती थी। उनके तबादले के बाद से अब तक फिजिशियन की तैनाती नहीं हो सकी। सीएचसी अधीक्षक ने उच्च अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी है।
सुविधा नहीं

फिजीशियन के अभाव से मरीजों का नहीं हो पाता है इलाज

सीएचसी में डॉक्टरों की कमी से मरीजों को होती है दिक्कत

अल्ट्रासाउंड मशीन भेज दी गई दूसरे अस्पताल

सीएचसी में रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण अस्पताल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीन भी दूसरे अस्पताल को भेज दी गई है। एक्सरे मशीन किसी तरह टेक्नीशियन के प्रयास से चलती हैं। अस्पताल की व्यवस्था जांच से लेकर दवाई तक सब कुछ बाहर के भरोसे है।

डॉ.नीरज सिंह, अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, का कहना है। मेरे आने की पहले सीएचसी में डॉक्टर के कई पद खाली थे। इस समय फिजीशियन की तैनाती नहीं हो पाई है। इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है । जल्द ही फिजिशियन की तैनाती होने की उम्मीद है।

बाहर से दवा खरीदते हैं मरीज

अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को अक्सर बाहर की दवा ही पर्चे पर लिखते हैं। हैरानी तो इस बात की है कि मरीजों को मेडिकल स्टोर का नाम बताकर वहीं से दवा खरीदकर उसे फिर से दिखाने को कहते हैं। डॉक्टरों के इस खेल से मरीज परेशान हैं तो तीमारदार हैरान। इतना ही नहीं डॉक्टर की लिखी दवा बताए गए मेडिकल स्टोर के अलावा कहीं भी नहीं मिलती।

रिपोर्टर :  रोहित जायसवाल

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