शराब और दहेज के मामले में समाज को सुधारने निकले सीएम नीतीश

मोतीहारी :  शराब और दहेज के मामले में समाज को सुधारने निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोतिहारी से ‘समाज सुधार अभियान’ के तहत अपनी यात्रा की शुरुआत कर दी है. बुधवार को मोतिहारी पहुंचने के बाद नीतीश कुमार ऐतिहासिक गांधी मैदान पहुंचे. यहां उन्होंने गांधी बाल उद्यान में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाया. इसके बाद वे मंच पर पहुंचे. जहां जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने चम्पा का पौधा देकर स्वागत किया. फिर स्वागत गान से कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच पर मद्य निषेध मंत्री, गन्ना एवं विधि मंत्री प्रमोद कुमार भी मौजूद हैं.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों ने अपने अनुभव को साझा किया. उन्होंने सीएम के सामने बताया कि कैसे जीविका से जुड़ने के बाद वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकी हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए पुराने दिनों की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि 24 नवंबर 2005 से उन्हें काम करने का मौका मिला. सभी प्रकार के उत्थान के लिए काम किया है. गरीब तबके को लोग को आगे बढ़ाना चाहिए. पुरानी स्थिति कैसी थी इसका ध्यान रखिए.

नीतीश कुमार ने कहा- “शराब पीना ठीक नहीं है. 2011 से ध्यान में लाया गया था. पटना में 2015 में एक सम्मेलन में महिलाओं ने शराबबंदी की मांग की थी, जब महिलाओं ने मांग की तो हमने साफ कहा था कि अगला मौका मिला तो शराबबंदी की जाएगी. लोगों ने बड़े स्तर पर शराब पीना बंद कर दिया.”

निरंतर जारी रहेगा ‘समाज सुधार अभियान’

‘समाज सुधार अभियान’ को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा- “यह निरंतर जारी रहेगा. एक अप्रैल 2016 को देसी शराब बंद की गई. उसके बाद पांच तारीख को पूर्णतः शराबबंदी लागू की गई. इसको लेकर मीटिंग की जा रही है. हमने इसको लेकर शपथ ग्रहण भी कराया. समाज सुधार अभियान के अंश मात्र है.”

कार्यक्रम में बिहार के डीजीपी ने शराब से होने वाली हानि को गिनाया

मुख्यमंत्री के पहले बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने अपने संबोधन में शराब से होने वाली हानि को गिनाया. कहा कि शराब नहीं पीने से परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा समेत पूरे परिवार का विकास होता है. बिहार में पुलिस विभाग में महिलाओं के लिए 37% रिर्जव है. आप अगर इंटर तक भी पढ़ा देते हैं तो पुलिस की नौकरी में 32 हजार से ज्यादा तक मिलता है. ये बाकी नौकरियों से अच्छा है.

सीएम नीतीश इसके पहले यहां से दर्जनभर यात्राओं व अभियान का आगाज कर चुके हैं. दरअसल मुख्यमंत्री स्वयं कई अवसरों पर कह चुके हैं कि चम्पारण की आबोहवा में क्रांति की वह तासीर है जिससे उन्हें सबसे ज्यादा उर्जा मिलती है. इसलिए वे जब भी किसी नये काम की शुरुआत करते हैं, तो वह चम्पारण से ही शुरुआत करते हैं. इसी कड़ी में अब समाज सुधार अभियान के शुभारंभ का गवाह भी सत्याग्रह की सफल प्रयोगस्थली चम्पारण बना.


रिपोर्टर: नवेन्दु कुमार

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