भाजयुमो के नेता नितिन राय ने मंत्री उमेश पटेल के प्रति आभार जताया और कहा अब जाकर मिला दिव्यांग छात्राओं को न्याय

जशपुर जिले मे बीते सितंबर माह में दिव्यांग केंद्र की दिव्यांग छात्राओं के साथ छेड़खानी और बलात्कार की घटना से ज्यादा चर्चा इससे जुड़े जिम्मेदार अधिकारियो को क्लीन चीट दिए जाने की होती रही। दिव्यांग केंद्र की घटना को गम्भीरता से लेते हुए बडी - बडी कार्रवाइयां हुई, कलेक्टर से लेकर कमिश्नर तक हटा दिए गए कई कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया, वहीं मुख्य आरोपियो को तो जेल अगले ही दिन भेज दिया गया था। लेकिन बडी बात यह हो गयी कि दिव्यांग केंद्र से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों को 2 महीने बाद ही क्लीन चीट दे दिया गया।

राजीव गांधी शिक्षा मिशन के डीएमसी विनोद पैंकरा और एक और अधिकारी राजेश अम्बस्ट को भी इस घटना के बाद सस्पेंड कर दिया गया था, लेकिन 2 महीने बाद दोनो से स्पष्टीकरण लेने के बाद उसी संस्था में उसी पद पर दुबारा बहाल कर दिया गया। यह बात विपक्ष तो विपक्ष काँग्रेस के नेता भी हजम नहीं कर पा रहे थे कि आखिर इतनी बड़ी बड़ी कार्रवाइयाँ हो गई, लेकिन इन दोनों जवाबदार अधिकारियो को इतनी जल्दी क्लीन चीट क्यों दे दिया गया।

बीते माह प्रभारी मंत्री उमेश पटेल का जशपुर दौरा था।इस दौरान जब भाजयुमो के नेता नितिन राय ने इस मुद्दे को प्रभारी मंत्री के सामने रखा तो प्रभारी मंत्री भी अवाक रह गए और डीएमसी को उसी पद पर दुबारा बहाल किये जाने पर नाराजगी जताई तो आननं फानन में यह बता दिया गया कि डीएमसी को अभी तक बहाल नहीं किया गया है।उन्हें पद से पृथक रखा गया है। लेकिन इसी बीच भाजयुमो नेता नितिन राय के द्वारा एक लेटर हाथ लग गया जिसमें डीएमसी को उसी पद पर बहाल किये जाने के आदेश थे बल्कि जॉइन भी करने के आदेश दिए गए थे। एक तरफ जॉइनिंग आदेश दूसरी तरफ यह बयान कि डीएमसी पैंकरा को पद से पृथक रखा गया है इसमें बड़ा ही विरोधाभाष दिखा।

इस विरोधाभाष को लेकर खबर प्रकाशित होने के बाद प्रभारी मंत्री उमेश पटेल ने फोन पर यह स्पष्ट कर दिया कि डीएमसी विनोद पैंकरा को हटा दिया गया है लेकिन प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि डीएमसी पैंकरा को हटाया गया है या नहीं। इसी बीच एक दिन खबर यह भी आ गई कि डीएमसी पैंकरा को दुबारा उसी पद पर बहाल करने से नाराज सरकार ने सरगुजा कमिश्नर को मंत्रालय में अटैच करने के आदेश जारी कर दिए। हांलाकि कमिश्नर को हटाए जाने के और भी कई कारणों की चर्चा होती रही लेकिन उन तमाम कारणों में से इस कारण को भी अहम माना जा रहा है।

अब सवाल यह उठने लगे कि दिव्यांग केंद्र की घटना से जुड़े जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई पर कार्रवाई हो रही है लेकिन संस्था के सबसे बड़े जिम्मेदार अधिकारी डीएमसी को लेकर ऐसी क्या मजबूरी रही कि उसे हटाया नहीं गया।

बहरहाल , सोमबार की शाम को सरकार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के तबादले की एक लंबी चौड़ी सूची जारी कर दी और इस खेप में डीएमसी विनोद पैंकरा को अंततः डीएमसी पद से हटा दिया गया और उनकी जगह में पूर्व प्रभारी डीएमसी नरेंद्र सिन्हा को डीएमसी पद की जिम्मेदारी दे दी गयी।
दिव्यांग केंद्र की घटना और डीएमसी पैकरा को हटाए जाने की मुहिम को भाजपा और खाशकर भाजयुमो नेता नितिन राय ने खूब हवा दी ।सोशल मीडिया से लेकर मीडिया और पोलटिकल प्लेटफार्म से डीएमसी पैकरा को हटाए जाने की शुरुआती मांग से लेकर दुबारा बहाल किये जाने के मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ा, प्रभारी मंत्री उमेश पटेल के सामने नितिन राय ने ही इस मुद्दे को सामने रखा था और इनके द्वारा इस मुद्दे को उठाये जाने के बाद प्रभारी मंत्री एक्शन में आये और डीएमसी पैंकरा को तत्काल प्रभाव से हटाए जाने के निर्देश दिए। सोमबार को डीएमसी पैंकरा को हटाए जाने के आदेश जारी होने के बाद भाजयुमो नेता नितिन राय ने प्रभारी मंत्री उमेश पटेल के प्रति आभार जताया है। उन्होंने कहा कि अभी जाकर दिव्यांग छात्राओं को न्याय मिल पाया है। उन्होंने विधायक विनय भगत के उपर डीएमसी पैंकरा को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक डीएमसी को बचाने में पूरी ताकत झोंकते रहे लेकिन प्रभारी मंत्री ने न्याय किया ।

रिपोर्टर :दीपक वर्मा

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