अविनाश हत्याकांड का पर्दाफाश, नर्स पूर्णकला व अनुज महतो ने की हत्या, जान‍िए मधुबनी का मामला

मधुबनी: बेनीपट्टी के बहुचर्चित पत्रकार सह आरटीआई एक्टिविस्ट बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश हत्याकांड को लेकर मुख्य अभियुक्त अनुज महतो के हवाले से पुलिस द्वारा मीडिया को दिए गए बयान पर अविनाश के परिजनों ने सवाल उठाए हैं। अविनाश के बड़े भाई त्रिलोक झा ने कहा है कि पुलिस प्रशासन पहले दिन से अविनाश के चरित्र के साथ खिलवाड़ करने की कोशिस कर रही है। पुलिस का कहना है कि कांड के मुख्य अभियुक्त अनुज महतो के सरेंडर करने के बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया और राज उगलवाये हैं।

पुलिस ने हत्या की दो वजहें बताई है, एक वजह अविनाश अनुराग हेल्थ केयर के संचालक अनुज महतो से उगाही करने और दूसरा वजह अविनाश का उस हेल्थ केयर के नर्स पूर्णकला से अवैध सम्बंध। जबकि इस बात का ना तो अनुज महतो ना ही पुलिस के पास कोई साक्ष्य है। पुलिस अनुज महतो को संरक्षण देते हुए रिमांड के दौरान सामने आए कई बातों को मीडिया के सामने आने नहीं दिया है।

जबकि अनुज महतो ने रिमांड के शुरुआती घंटे में ही यह स्पष्ट रूप से कहा था कि वह शादी शुदा बाल बच्चेदार होने के बाद भी नर्स पूर्णकला देवी के साथ प्रेम में था और कई महीनों से शारीरिक सम्बन्ध में था। आखिरकार पुलिस ने अनुज के इस कुकृत्य के बारे में मीडिया को क्यों नहीं बताया जब अनुज महतो ने इस बात को स्वतः स्वीकार किया है। पुलिस अविनाश के चरित्र के साथ खिलवाड़ कर हमारे मनोबल को तोड़ना चाह रही है। हमारे पास अभी भी सवाल है जिसका जवाब प्रशासन के पास नहीं है।

पुलिस ने अनुज महतो के हवाले से कहा है कि अविनाश की हत्या 9 तारीख को कर दी गई और उसी रात अनुज महतो व पूर्णकला देवी ने प्लेटिना बाइक से 12 बजे के करीब अविनाश का शव उड़ेंन गांव से आगे स्टेट हाईवे के किनारे फेंक दिया। यह तर्क कहीं से उचित नहीं साबित होता है कि 6 फ़ीट 70 किलो वजन के व्यक्ति जिसकी हत्या गैर-आदतन अपराधी हत्या को अंजाम दे और तुरंत उस शव को बाइक पर लादकर फेंक आये।

इतना ही नहीं, अनुज महतो के हवाले से पुलिस ने यह भी कहा है कि अविनाश का मोबाइल उसी रात पुल के नीचे पानी में फेंक दिया गया। फिर उसी पुलिस को अविनाश का लास्ट मोबाइल लोकेशन 10 नवम्बर को सुबह 9 बजे के करीब बेतौना गांव में कैसे मिला ?

अगर अविनाश के शव को अनुज व पूर्णकला मिलकर उड़ेंन गांव के चौर तक ले गए, तो सिर्फ पुलिस अब तक अनुज के जले हुए शर्ट जिसमें खून लगे होने की बात कही जा रही है, सिर्फ वही क्यों बरामद हुआ है। महिला पूर्णकला देवी अगर शव को पकड़कर बाइक पर बैठकर साथ में गई तो महिला का खून लगा साड़ी कहां है ? अगर अविनाश के सर पर अनुज से मूसल से वार किया तो सिर पर चोट या फटने के निशान का जिक्र पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट क्यों नहीं है ?

अविनाश के आंख में मिर्च झोंका गया और तब सिर पर मूसल से मारा गया और उसनें वहीं दम तोड़ दिया तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके आंख में ज्वलनशील मिर्च पाए जाने का जिक्र क्यों नहीं है। जबकि शव अधजला अवस्था में मिला था और उसका चेहरा और आंख का हिस्सा सुरक्षित था।

पुलिस ने अनुज महतो के हवाले से यह भी कहा है कि 7 नवम्बर को महिला नर्स पूर्णकला देवी को अविनाश ने अपने आवास स्थित क्लीनिक पर बुलाया था और इस दौरान अविनाश ने पूर्णकला से कहा था कि वह अनुज से जाकर पैसे देने की बात कहें। जबकि 7 तारीख को अविनाश व पूर्णकला देवी में कोई फोन कॉल नहीं है, जैसा कि पुलिस ने हमें कॉल सीडीआर के आधार पर बताया था। वहीं इस तर्क पर अविनाश के भाई विकास झा ने बताया है कि वह अविनाश के साथ 7  व 8 नवंबर को अधिकांश समय अविनाश के क्लीनिक पर थे, और इस दौरान ना तो 7 ना ही 8 नवम्बर को अविनाश के क्लीनिक पर नर्स पूर्णकला आई थी। ऐसे में परिजनों के ढेरों सवाल अभी भी मुंह बाए खड़ी है जिसका जवाब प्रशासन के लिए देना आसान नहीं होगा।

अविनाश के बड़े भाई त्रिलोक झा ने यह भी बताया है कि जिस महिला नर्स पूर्णकला के साथ अविनाश के अवैध सम्बन्ध व अनुज महतो से अवैध उगाही को पुलिस हत्या का वजह मान रही है, इस वजह के पीछे कोई साक्ष्य पुलिस के पास नहीं है। अनुज महतो के करीबी लोगों का बयान भी पुलिस पूर्व में दर्ज कर चुकी है, जिसमें अनुज महतो के सभी करीबियों ने इस बात का कहीं जिक्र नहीं किया है कि अविनाश अनुज महतो से उगाही करता था या नर्स पूर्णकला से अविनाश का कोई सम्बन्ध था।

यहां तक कि पुलिस के पास अविनाश के मोबाइल नम्बर का कॉल सीडीआर भी है जिसमें जब भी पूर्णकला देवी से अविनाश की बात हुई है वह अधिकांश समय दिन में हुई है और उसमें तमाम दिनों के कॉल में पहला कॉल पूर्णकला देवी का है। पुलिस के पास 1 अक्टूबर से घटना के दिन तक का अविनाश के नम्बर का सीडीआर है, जिसमें पहला कॉल अविनाश व पूर्णकला के बीच 14 अक्टूबर को है। जबकि 13 अक्टूबर को अविनाश ने अपनी मौजूदगी में बेनीपट्टी थाने में जाकर अनुराग हेल्थ केयर के खिलाफ जीवांश राज क्लीनिक के संचालक डॉ पीके गुप्ता द्वारा लिखित शिकायत दिया था। जिसमें जीवांश राज क्लीनिक के रजिस्ट्रेशन नम्बर गलत ढंग से अनुराग हेल्थ केयर द्वारा इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। इसी आवेदन के बाद अनुराग हेल्थ केयर की नर्स पूर्णकला देवी ने अविनाश को फोन करना शुरू किया, और यहीं से अविनाश की हत्या की साजिश रची जाने लगी।

इसी क्रम में 29 अक्टूबर यानी अविनाश के हत्या के महज 10 दिन पहले का एक ऑडियो कॉल रिकॉर्ड भी है जिसमें वह नर्स जीवांश राज क्लीनिक के संचालज डॉ पीके गुप्ता को यह कही हुई है कि वह जिस अविनाश के कहने पर थाने में शिकायत किये हैं, वह बदला ले लेगी। रही बात अविनाश द्वारा अनुराग हेल्थ केयर से उगाही की बात, तो हमें यह प्रशासन और मीडिया यह भी बताए कि आखिर अविनाश के जिंदा रहते अविनाश ने कब अनुराग हेल्थ केयर के खिलाफ कार्रवाई करवाया था, जिसकी वजह से उसने उगाही की होगी।

जबकि सच्चाई यह है कि अविनाश की हत्या से पहले अविनाश के आवेदन परिवाद आरटीआई के आलोक में अनुज महतो पर कोई जुर्माना लगाया ही नहीं था। अविनाश की हत्या 9 को हुई है, अविनाश ने 7 नवम्बर को फेसबुक पर खेला होबे का स्टेटस लगाया जिसमें कई अस्पतालों पर कार्रवाई होने को लेकर लेटर दिखाया गया था। इसी बीच 9 को उसकी हत्या कर दी गई। अविनाश ने जिस बात को फेसबुक पर साझा किया था वह सच साबित हुआ और अविनाश के हत्या के 6 दिन बाद कटैया रोड स्थित अनुज महतो के अनुराग हेल्थ केयर व अनन्या नर्सिंग होम को स्वास्थ्य विभाग ने बंद करने व 50 हज़ार जुर्माने का आदेश जारी कर दिया।

ऐसे में साफ प्रतीत हो रहा है अविनाश की हत्या साजिश अनुज महतो व पूर्णकला ने मिलकर रची थी जिसमें और भी लोग शामिल हैं। और इसकी वजह 13 तारीख को अविनाश की मौजूदगी में बेनीपट्टी थाने में डॉ पीके गुप्ता द्वारा अनुराग हेल्थ केयर द्वारा फर्जी रजिस्ट्रेशन नम्बर इस्तेमाल किये जाने के सम्बंध में दिया गया आवेदन है, और यह आवेदन थाने से गायब है। जबकि डॉ पीके गुप्ता, अनुज महतो, पूर्णकला देवी सहित अब तक अनुज महतो के जो करीबी जिनका अनुराग हेल्थ केयर में अक्सर आना जाना होता था सभी ने स्वीकार किया है कि 13अक्टूबर को थाने में आवेदन दिया गया था और इस आवेदन में आलोक में थाना के कर्मी दल बल के साथ अविनाश के हत्या होने से 10-11 दिन पहले अनुराग हेल्थ केयर पहुंचे थे। जिसके बाद अनुज व पूर्णकला ने बदला लेने की सोची और इस कांड को ओर लोगों के साथ मिलकर अंजाम दिया। वाबजूद उक्त आवेदन थाने से गायब है, जिसकी छाया प्रति हमलोगों के पास मौजूद है।

त्रिलोक झा ने यह भी सवाल उठाया है कि जब इस हत्याकांड में सिर्फ अनुज महतो व पूर्णकला देवी ही शामिल है। तो अनुज महतो फरार होने से पहले पूर्णकला देवी के भाई महादेव पासवान को बेनीपट्टी के कुछ गिने-चुने डॉक्टरों का नम्बर यह कहकर क्यों दिया था कि जो भी केस में पैसा लगे, जाकर इन डॉक्टरों से पैसे ले लेना वह दे देंगे।

साथ ही पुलिस जब अनुज महतो के बयान के हवाले से ही मीडिया में सब कुछ कह रही है और उद्भेदन का दावा कर रही है, तो बेनीपट्टी पुलिस ने अनुज महतो के बयान लेने के बाद भी मीडिया के सामने अब तक क्यों नही कहा है कि इस मामले में शुरुआत में महिला के बयान पर गिरफ्तार सभी 5 युवक की भूमिका क्या है ? सच्चाई यह है कि वह सभी 5 लड़के निर्दोष हैं, जो कि अनुज महतो स्वीकार कर चुका है।

शुरू में 5 निर्दोष लड़कों को पकड़, खूंटा ठोक कर उन सभी के हत्यारे होने का दावा करने वाली और खुद से खुद की पीठ थपथपाने वाली बेनीपट्टी पुलिस अपनी नाकामी को छूपाना चाह रही है। इस कांड के मुख्य अभियुक्त शादीशुदा बाल बच्चेदार अनुज महतो ने स्वयं शादीशुदा बाल बच्चेदार महिला नर्स पूर्णकला देवी के साथ शारीरिक सम्बंध को स्वीकार किया है, लेकिन अनुज महतो के इस स्वीकरोक्ति बयान को पुलिस ने मीडिया में कहीं जिक्र नहीं किया है, आखिर अनुज महतो से इतना आपकता क्यों है प्रशासन को ?

डॉ पीके गुप्ता के द्वारा बेनीपट्टी थाना में अनुराग हेल्थ केयर के खिलाफ दिया गया आवेदन जो कि अविनाश की मौजूदगी में थाने में दिया गया था, उस आलोक में 28-29 अक्टूबर को अनुराग हेल्थ केयर पहुंचे थाना के कर्मी के द्वारा अनुज महतो से पैसे मांगने की बात भी सामने आई है, और अनुज महतो ने रिमांड के दौरान यह स्वीकार किया है कि उसके हेल्थ केयर के खिलाफ 13 अक्टूबर को आवेदन पड़ने के बाद पुलिस वाले आये थे, बदले में पैसे मांगे थे। लेकिन इस बात को पुलिस ने कहां मीडिया के सामने रखा ? साथ ही साथ 13 अक्टूबर को थाने में दिया गया वह आवेदन अब थाने से गायब कर दिया गया है। बेनीपट्टी पुलिस अविनाश के खिलाफ अवैध उगाही व अवैध सम्बन्ध की एकपक्षीय चरित्र हनन की झूठी पटकथा लिख कर वाहवाही लूट रही है।

यह समझने की जरूरत है कि आखिरकार पुलिस ने अनुज महतो को लेकर मीडिया में दिए बयान में यह क्यों नहीं बताया कि वह 5 लड़के निर्दोष हैं जिनकी गिरफ्तारी कर बेनीपट्टी थाना ने सबको गुमराह कर दिया।  आखिरकार पुलिस ने अनुज और पूर्णकला के सम्बंध को मीडिया के सामने क्यों नही लाया। क्योंकि प्रशासन जो खेल शुरुआत में करना चाह रही थी वह हमलोगों ने होने नही दिया और अब वह हमारे मनोबल से खेलने की नाकाम कोशिस कर रही है।

संवाददाता रहमत अली

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