बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ को लेकर की गई सचिव चेतना सिंह की अध्यक्षता में वीडियोकांफ्रेसिंग की गई

हाथरस: राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हाथरस में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ एवं शिक्षा को वीडियोकांफ्रेसिंग के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हाथरस की सचिव  चेतना सिंह की अध्यक्षता में किया गया।

हाथरस जिले में आज दिनांक 24.01.2022 दिन सोमवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला शिक्षा एंव प्रशिक्षण संस्थान (डायट) हाथरस में एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन बालिकाओं के अधिकार, कन्या भ्रूण हत्या, बेटी पढोओं बेटी बचाओं एंव शिक्षा का अधिकार पर माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदया श्रीमती मृदुला कुमार के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की सचिव श्रीमती चेतना सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से किया गया, जिसमें डायट की प्राचार्या श्रीमती रिचा गुप्ता एवं डायट की प्रवक्ता श्रीमती सरिता वर्मा एवं डायट संस्थान के समस्त अध्यापक आदि की उपस्थिति में शिविर में सचिव द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग में उपस्थित प्रशिक्षु छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने साल 2008 में की थी। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं, चाइल्ड सेक्स रेशियो और बालिकाओ के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षित वातावरण बनाने सहित जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है, साथ ही उनके साथ होने वाले भेदभाव के प्रति भी लोगों को जागरूक करना है। भारत में लड़कियों की साक्षरता दर, उनके साथ भेदभाव, कन्या भ्रूण हत्या एक बड़ा मसला है। उन्होंने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक अपराध है, जिसमें भ्रूण हत्या कराने वाला एवं करने वाला दोनो ही दोषी है, जिसके लिये कानून में दण्ड का प्राविधान है। इसके अतिरिक्त उन्होंने दहेज प्रथा, दहेज हत्या, पोक्सो अधिनियम, भरण-पोषण अधिनियम, घरेलू हिंसा आदि के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी।

शिक्षा के अधिकार पर जानकारी देते हुये कहा कि शिक्षा का अधिकार संविधान में दिया हुआ है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपने बच्चों को शिक्षित करना है, इसमें 6 से 14 की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा देने के उद्देश्य से 1 अप्रैल 2010 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया। माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी शिक्षा का अधिकार कानून पर अपनी मोहर लगाते हुए पूरे देश में लागू करने का आदेश दिया। इस अधिनियम के पारित होने से देश के हर बच्चे को शिक्षा पाने का सवैंधानिक अधिकार मिला। इस कानून के तहत देश के हर 6 साल से 14 साल के बच्चे को मुफ्त शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होगा। हर बच्चा पहली से आठवीं तक मुफ्त और अनिवार्य रूप से पढ़ेगा। सभी बच्चों को अपने आस-पास के स्कूल में दाखिला लेने का अधिकार होगा।

इसके अतिरिक्त उन्होने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों पर भी प्रकाश डालते हुये बताया कि जिला प्राधिकरण का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति पैसे के अभाव में न्याय पाने से वंचित न रह जाये। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में एक्ट में वर्णित श्रेणी के व्यक्तियों द्वारा विधिक सहायता के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र देने पर प्राधिकरण द्वारा जॉच उपरान्त निःशुल्क अधिवक्ता से परामर्श हेतु आदेश दिया जाता है।

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की प्राचार्या श्रीमती रिचा गुप्ता ने अपने वक्तव्य में समस्त छात्राओं को शिक्षा का अधिकार, अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने के सम्बन्ध में जानकारी दी। विधिक साक्षरता शिविर का संचालन श्रीमती सरिता वर्मा, प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, हाथरस द्वारा किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षु छात्राओं को उनके अधिकारों के सम्बन्ध में भी जानकारी दी।  

संवाददाता : प्रशांत अग्रवाल

 

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