सात दिवसीय विशेष शिविर का पंचम दिवस को गणतन्त्र दिवस व कृषि एवं अल्प बचत दिवस के रूप में मनाया गया।
बिजनौर : विवेकानंद इंटर कॉलेज दरबाड़ा, बिजनौर की राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रथम इकाई व द्वितीय इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर का पंचम दिवस को गणतन्त्र दिवस व कृषि एवं अल्प बचत दिवस के रूप में मनाया गया।
प्रभात फेरी से कार्यक्रम की शुरुआत कर सभी शिविरार्थियों ने रा. से. यो. गीत (उठें समाज के लिए उठें-उठें) के बाद मुख्य अतिथि के स्वागत एवं गणतंत्र दिवस को मनाने की तैयारियां की गई।
आज के मुख्य अतिथि के रूप में श्री जंगबहादुर सिंह (उपप्रबन्धक,केनरा बैंक) व मदनपाल सिंह (समाज सेवी) शिविर में उपस्थित रहे। प्रधानाचार्य श्री टीकम सिंह जी ने मुख्य अतिथि के साथ मिलकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया उसके पश्चात राष्ट्रगान कराया गया।
कृषि विषय पर अपने विचार रखते हुए मदनपाल सिंह कहा कि कृषि कार्य मानव जाति का सबसे पुराना और आवश्यक उद्योग हैं, आज भी चावल, गेंहू, बादाम या कोई भी फल का उत्पादन मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिससे ना केवल उत्पादन करने वाले मतलब कृषको को बल्कि पूरे समाज को फायदा मिलता हैं। भारत में सदियों से कृषि कार्य की प्रधानता रही हैं। कार्यक्रम अधिकारी विकास चौधरी ने बताया कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है, और कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की नींव है। हमारे देश में कृषि केवल खेती करना नहीं हैं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। कृषि पर पूरा देश आश्रित होता है। लोगों की भूख तो कृषि के माध्यम से ही मिटती है। यह हमारे देश की शासन-व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। कृषि से ही मानव सभ्यता का आरंभ हुआ।
अल्प बचत विषय पर बताते हुए मुख्य अतिथि जंगबहादुर सिंह ने बैंकों में खोले जा सकने वाले खातों जेसै- सावधि जमा खाता, बचत बैंक खाता, चालू खाता, आवर्ती जमा खाता आदि के बारे में विस्तार से बताया तथा उन पर मिलने वाली ब्याज दर से भी अवगत कराया। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री टीकम सिंह ने कहा की जीवन में बचत अथवा संचय का उतना ही महत्व है जितना कि आमदनी का । मनुष्य की आमदनी कितनी ही अधिक हो परंतु यदि उसमें संचय की प्रवृत्ति नहीं है तो उसे समय-समय पर अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । श्री धानु प्रकाश सिंह ने बताया कि वे व्यक्ति जो बचत को महत्व नहीं देते हैं वे प्राय: धन के अभाव में जीते हैं । आज सभी बड़ी कंपनियाँ भी छोटी-छोटी बचतों को प्रोत्साहन देती हैं । सभी प्रमुख कार्यालयों में आर्थिक प्रबंधन हेतु अलग विभाग होता है जो अपने कार्यालय की आमदनी के साथ बचत का भी लेखा-जोखा रखता है ।आज के विषय पर अनिरुद्ध, देवांग, प्रशान्त, रानू, कनिष्का, प्रियांशी आदि ने अपने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में आगे एक प्रश्नोत्तर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके माध्यम से सभी स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाओं की जिज्ञासाओं को शांत किया गया । इसके पश्चात सभी बच्चे अपनी अपनी टोली के साथ गांव में जन-संपर्क के लिए गए जिसके माध्यम से उन्होंने सभी ग्रामवासियों को आधुनिक कृषि में पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन एवं मशरूम संवर्धन इत्यादि के विषय में जानकारी दी तथा बैंक में खोले जाने वाले खातों के विषय में अवगत कराया, उनसे होने वाले लाभ पर चर्चा की, अल्प बचत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
रिपोर्टर ; लोकेन्द्र
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