महान साहित्यकार शिक्षाविद नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्र नाथ टैगोर जयंती पर विशेष

यह हमारे भारत की जानी मानी अनमोल हस्ति थीं इनके बारे मे, में  लिखूं मेरी कलम मैं ताकत ही नहीं बस कोशिश कर रही हूं! सबसे महत्त्वपूर्ण चीज़ जो इनके द्वारा लिखी गई जिसके यह रचियता हैं वह हैं हमारा राष्ट्रीय गीत " जन गण मन..." जो भारत को आन बान शान के साथ गौरविंत करता हैं! आपका जन्म 7 मई 1861 ठाकुर वाणी कलकत्ता में हुआ था, आपकी माता का नाम शारदा देवी पिता का नाम देवेंद्रनाथ टैगोर था आपकी शादी 1883 में मृणालिनी देवी से हुई!

आपकी माता,बचपन में ही गुज़र गई थी आपका लालन पालन पिता एवं नौकरों ने किया! आपकी आरंभिक शिक्षा सेंट जेवियर स्कूल मै हुई, आप अंग्रेज़ी और बंगाली दो भाषाएं जानते थे! ग्यारह वर्ष कि आयु मै आप पिता के साथ भारत भ्रमण पर निकले इस दौरान आप स्वर्ण मन्दिर मै भी गए! गुरुनानक जी की वाणी ने आपको काफी प्रभावित किया कालीदास की सांस्कृतिक कविताएं भी आपको काफी प्रभावित करती थी!

औपचारिक शिक्षा से अपने नाराज़गी व्यक्त की स्थानीय प्रेसिडेंट कॉलेज में उनके विद्यावनो से पीड़ित एक दिन के लिए हुए! लेकिन यह बात उनके दिमाग में घर कर गाई, कई वर्षों बाद उन्होंने कहा उच्चित शिक्षण चीज़ों की वख्या नहीं करता, उनके अनुसार उच्चित सिक्षर्ण जिज्ञासा थी!

अपने लंदन मैं कानून का अध्यन किया, लेकिन  1880 मैं बिना डिग्री लिए स्वदेश वापिस आ गए ! यह कवि चिकत्रकार, नाटाकार, साहित्यकार और लेखक थे! इन्हें साहित्या मैं नोबल पुरस्कार प्राप्त हुआ, ये प्रथम नोबल पुरुस्कार प्राप्त करने वाले एशियाई व्यक्ति थे! सन् 1912 में एक किताब लिखी जिसका नाम था "मेरी यादें " उसमे इन्होंने गुरुनानक की वाणी से अपने आप को प्रभावित होना बताया था!
  में यह बताना चाहती हू जब तक हमारे देश का इतिहास जिंदा रहेगा और  सुरक्षित रहेगा जब तक रविंद्रनाथ टैगोर भी इतिहास मैं जिंदा रहेंगे!

लेखिका :मिर्जा शमीम बैग,

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