हिंदी से हैं, हिन्दुस्तानियों की पहचान

बरखा त्रिवेदी - 

हिंदी वो अहसास हैं जो हम हिन्दुस्तानियों को एक डोर से बांधे रखता हैं, जहाँ जुड़ जाये वहा का सार बदल दे ऐसी भाषा है हिंदी भाषा एक संगीत जैसी है... जो लोगो के मन में बसकर गुनगुनाती हैं हमारे वतन की सबसे प्यारी और खुबसूरत भाषा है ...हिंदी, हिंदी भावनाओं  को जोड़े रखने का नाम हैं, जो भावना हर बात में बोली जाये ऐसी भाषा हैं ..हिंदी, हिंदी भाषा में एक अलग प्रकार का ही अपनापन है, यही वजह है कि हिंदी को भारत की मातृभाषा  कहा जाता है। भारतीय संस्कृति में हिंदी को मातृभाषा का दर्जा मिला है। यह सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि भारतीयों को एकता व अखंडता के सूत्र में जोड़ती है। हिंदी को भाव की भाषा कहा जाता है, आज के दौर में हिंदी की अलग पहचान बन रही है। हिंदी को सरकारी ऑफिसों से लेकर विदेशों में भी बढ़-चढ़कर अपनाया जा रहा है. आगे की और बढ़ते हुए हम आपको बताते है क्या है हिंदी भाषा का इतिहास और इसका क्या महत्व हैं.

हिंदी भाषा का इतिहास - हर साल की तरह इस साल भी 14 सितंबर को हिन्दी दिवस  मनाया जाता हैं .इसी साल 1949 में देवनागरी लिपि में हिन्दी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था. हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त और सेठ गोविन्द दास के साथ-साथ व्यौहार राजेंद्र सिम्हा के प्रयासों की बदौलत भारत गणराज्य की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक हिन्दी को अपनाया गया | 14 सितंबर 1949 को व्यौहार राजेंद्र सिम्हा के 50 वें जन्मदिन पर हिंदी को आधिकारिक भाषा  के रूप में अपनाया गया और फिर भारत के संविधान द्वारा 26 जनवरी 1950 को यह निर्णय लागू किया गया था, हिन्दी में 120 से अधिक भाषाओं में में प्रयोग होने वाली लिपि को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था.

महत्व - हिंदी दिवस को उस दिवस की याद के रूप में मनाया जाता है जिस दिन हिंदी हमारे देश की आधिकारिक भाषा बन गई थी । यह दिन हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने व् बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, यह दिन हर साल हमें हमारी असली पहचान की याद दिलाता है और देश के लोगों को एकजुट करता है। चाहें हम जहां भी जाएँ हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ बरक़रार रहने चाहिए और ये एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करते है। हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें देशभक्ति भावना के लिए प्रेरित करता है। आज के समय में अंग्रेजी की ओर लोगों का एक झुकाव है जिसे समझा जा सकता है क्योंकि अंग्रेजी का इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है और यह भी भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह दिन हमें यह याद दिलाने का एक छोटा सा प्रयास है कि हिंदी हमारी आधिकारिक भाषा है और यह हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व रखती है।

 

 

निष्कर्ष –जब हम देश में गर्व से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस व् 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते है तो हम हिंदी दिवस को मनाने में गर्व क्यों नही महसूस करते, अंग्रेजी हो या कोई अन्य भाषा हमको वो स्थान नही दे सकती, जो पहचान आपको हिंदी भाषा को बोलने से महसूस होती हैं, हिंदी महज एक भाषा ही नहीं हमारा गर्व और गुरुर हैं यह एक जीता जागता सबूत है हमारी हिन्दुस्तानी भावनाओं से जुड़े रहने का, इसलिए हमें हिंदी भाषा का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए

 

 

 

 

 

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