अंधकार में सूर्य की किरण है श्रीमद्भगवद्गीता - विश्वसेनाचार्य

दतिया :  जीवन में चारों ओर घोर निराशा हो या किसी तरह का अज्ञात भय, अवसाद हो या असंतोष सभी प्रकार के कष्टों का निवारण और समस्याओं का समाधान श्रीमद्भगवद्गीता में निहित है। गीता के नियमित स्वाध्याय से सारी समस्याएं स्वमेव हल हो जाती हैं। उक्त विचार विश्वगीता प्रतिष्ठानमं उज्जयिनी के निर्देशन में प्रतिष्ठानमं की जिला इकाई दतिया द्वारा पिंक मैरिज गार्डन में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय गीता अभ्यास वर्ग के उद्घाटन सत्र में हिमाचल प्रदेश से पधारे गृहस्थ संत विश्वसेनाचार्य ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने गीतोपदेश से अर्जुन के विषादमुक्त होने सहित अनेक प्रसंगों के माध्यम से व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में गीता जी की उपादेयता का प्रतिपादन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रतिष्ठानमं के केंद्रीय संगठन महामंत्री डॉ विष्णु नारायण तिवारी द्वारा प्रतिष्ठान के विभिन्न प्रकल्पों और उनके माध्यम से संचालित की जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुए तीन दिवसीय गीता अभ्यास वर्ग के उद्देश्य और महत्व से अवगत कराया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीगंजी के हनुमानजी से गीता जन जागरण यात्रा निकाली गई जो बस स्टैंड से बमबम महादेव होते हुए पिंक मैरिज गार्डन पहुँची जहां  ओमप्रकाश शर्मा ने यात्रा का स्वागत किया। शुभारंभ कार्यक्रम का सफल संचालन मनोज द्विवेदी द्वारा किया गया। आभार व्यक्त कविता समाधिया ने किया।कार्यक्रम का द्वितीय चरण मुख्य अतिथि विश्वसेनाचार्य और अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय संगठन महामंत्री डॉ. विष्णु नारायण तिवारी द्वारा युग नायक भगवान श्रीकृष्ण के पूजन और दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके उपरांत जिला संयोजक दतिया अजमेर सिंह गुर्जर, गोपाल शर्मा, शिवपुरी जिला संयोजक ओमप्रकाश शिवहरे, राजेश लिटौरिया "प्रकाश", अनिल तिवारी ओमप्रकाश निरंजन व अन्य उपस्थित जनों द्वारा मुख्य अतिथि  और अध्यक्ष सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से पधारे गीता स्वाध्यायियों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित शासकीय महाविद्यालय इन्दरगढ़ के प्राचार्य डॉ. निलय गोस्वामी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता की विश्व की सर्वाधिक भाषा में अनुवाद होने वाला ग्रंथ है। इसमें निहित लोकमंगल की भावना ने इसे वैश्विक मान्यता दी है सरकार को इसे विश्वग्रंथ घोषित करना चाहिए। उक्त जानकारी रामजीशरण राय प्रचार प्रमुख गीता स्वाध्याय दतिया

रिपोर्ट : नितिन दांतरे

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