प्रदूषण से त्वचा और आंखों पर असर, जानें बचाव के आसान उपाय
आजकल फैक्ट्रियों का धुआं, वाहनों के धुएं और निर्माण कार्यों से उड़ती धूल की वजह से वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। सर्दियों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि ठंड के मौसम में हवा भारी हो जाती है और धुआं तथा धूल ऊपर नहीं उठ पाते। परिणामस्वरूप, ये प्रदूषक तत्व ज़मीन के पास ही जमा रहते हैं। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण सबसे पहले त्वचा और आंखों के संपर्क में आते हैं, क्योंकि ये अंग हमेशा खुले रहते हैं। इसलिए प्रदूषण का प्रभाव सबसे पहले इन्हीं पर दिखाई देता है। ये कण त्वचा की ऊपरी परत में प्रवेश कर जाते हैं और आंखों की नाजुक झिल्ली को नुकसान पहुंचाते हैं।
प्रदूषित वातावरण त्वचा पर कई नकारात्मक प्रभाव डालता है, जैसे जलन, लालपन, अत्यधिक सूखापन, छोटी-मोटी झुर्रियां और समय से पहले बुढ़ापा। इससे त्वचा के पोर्स बंद होने लगते हैं, जिससे दाने, रूखापन और त्वचा की प्राकृतिक चमक में कमी आ जाती है। हवा में मौजूद हानिकारक रसायन त्वचा की सुरक्षा परत को कमजोर कर देते हैं। इसी तरह आंखों में जलन, लालपन, सूखापन, पानी आना और चुभन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
कैसे करें त्वचा और आंखों की देखभाल?
बाहर से आने के बाद चेहरा हल्के फेसवॉश से धोएं, ताकि जमा धूल और कण हट सकें. रोजाना मॉइस्चराइज़र लगाएं, जिससे त्वचा की सुरक्षा परत मजबूत बनी रहे. सुबह बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं, क्योंकि प्रदूषण और धूप मिलकर नुकसान को कई गुना बढ़ा देते हैं. सप्ताह में दो से तीन बार स्किन की गहराई से सफाई और एक्सफोलिएशन करें.
बाहर जाते समय चेहरे को कपड़े से ढकें और धूल वाले स्थान से दूरी बनाएं. आंखों के लिए चश्मा या धूप का चश्मा पहनें, इससे धूल और धुएं का सीधा असर कम होता है. अगर आंखें सूखी महसूस हों तो डॉक्टर द्वारा बताए गए आई ड्रॉप्स उपयोगी होते हैं. रोज पर्याप्त पानी पिएं और अपने भोजन में रोज फल व सब्ज़ियां शामिल करें.
यह भी जरूरी
घर में एयर प्यूरीफायर उपयोगी होता है.
आंखों को हाथ से रगड़ने की आदत न डालें.
रात में चेहरा अच्छी तरह से साफ करके ही सोएं.
तेज धूप या धूल के समय चश्मा जरूर पहनें.


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