यूपी में बजा चुनावी बिगुल , कांग्रेस ने छपवायी बुकलेट 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश?'

पार्टियों ने कसी कमर
इसबार काग्रेंस भी नहीं पीछे
कांग्रेस ने 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश?' बुकलेट छपवायी है
दलों की 'कारगुजारियां' उजागर करने की कोशिश में कांग्रेस

यूपी में 2022 का चुनावी डंका बजाने के लिए सभी पार्टियां एकदम तैयार है....लेकिन यूपी में देखा जाए तो सियासी वनवास भोग रही कांग्रेंस का नाम बहुत बाद में लिया जाता है ...लेकिन इस बार यूपी में क्राग्रेंस भी फुल एक्टिव मोड में नजर आ रही है ..हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने अपने नए पदाधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए यूपी में  'पराक्रम' नाम से महाअभियान शुरू किया था... और अब तो कांग्रेस पिछले तीन दशकों के दौरान यूपी में सत्तारूढ़ रहीं भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल की बखिया लोगों के बीच उधेड़ेती नजर आ रही है .. अपने कार्यकर्ताओं के जरिये वो जनता को ये बताएगी कि कैसे इन तीन पार्टियों के कुशासन और भ्रष्टाचार ने प्रदेश को गर्त में धकेल दिया है....लेकिन आप सोच रहे होगें कि आखिर काग्रेंस एक ही तीर से एक साथ तीनों पार्टियों को कैसे निशाने पर ले पाएगी ....लेकिन सच तो ये है कि काग्रेंस ने हथियार उठाने शुरू कर दिए हैं और जनता को 20 पन्नों में बता दिया है कि आखिर किसने बिगाड़ा है उत्तर प्रदेश .....
 बसपा, भाजपा और सपा को 'चोर-चोर मौसेरे भाई' साबित करने के अपने इस अभियान को कांग्रेस नियोजित तरीके से आगे बढ़ाने में  जुटी है। कांग्रेस ने इसके लिए 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश?' नाम से बुकलेट छपवायी है। अखबारों में छपी खबरों की कटिंग, फोटो, सारणियों और कैरिकेचर से सुसज्जित 20 पन्नों की इस बुकलेट में पार्टी ने तीनों दलों की सरकारों की 'कारगुजारियां' उजागर करने की कोशिश की है।विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी न्याय पंचायत समितियों, वार्डों के अध्यक्षों, शहर और जिला कमेटियों और फ्रंटल संगठनों के जिलाध्यक्षों के लिए सोमवार से जिलेवार आयोजित किये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह किताब कार्यकर्ताओं को बांटी जा रही है। कार्यक्रम में 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश?' नामक विशेष सत्र भी आयोजित किया जा रहा है।इस बुकलेट में कोरोना काल में मचे हाहाकार के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया गया है तो उस पर रोजगार के मोर्चे पर युवाओं को छलने का इल्जाम भी लगाया गया है। किसानों की समस्याओं के लिए उसे कुसूरवार ठहराने के साथ जमीनी सच्चाई से इतर अपनी उपलब्धियों के हवाई दावे करने वाला बताया गया है।

बुकलेट के तीन पन्ने सपा शासनकाल के दौरान पनपे कथित कुनबावाद, जंगलराज, जातिवाद और भ्रष्टाचार को समर्पित हैं। सपा शासनकाल में लोक सेवा आयोग से लेकर पुलिस की भर्तियों में जाति विशेष के वर्चस्व का जिक्र किया गया है। सपा शासनकाल में प्रदेश में हुए सांप्रदायिक दंगों के अलावा मथुरा के जवाहर बाग कांड की भी याद दिलाई गई है। इसी तरह बसपा अध्यक्ष मायावती को दौलत की बेटी बताते हुए उन पर नोटों की माला पहनने और पार्टी के टिकट बेचने का आरोप लगाया गया है।

यानी कि काग्रेंस के इस कदम के बाद ये तय हो गया है  कि बसपा के पहले ही अकेले मैदान में जाने के ऐलान और सपा के कोई तवज्जो नहीं मिलने के चलते कांग्रेस अब अकेले ही चुनाव में जाने का मन चुकी है...अब काग्रेंस केवल बीजेपी ही नहीं बल्कि अन्य दोनों विपक्ष पार्टियों पर वार करने के लिए तैयार है ...लेकिन किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश वाले तीर को छोड़कर चुनावी रण में काग्रेंस कितना अच्छा प्रदर्शन करेगी ..ये तो समय ही तय करेगा .

 

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