सपा,बसपा,कांग्रेस, ने अल्पसंख्यक समाज से केवल वोट लेने का काम किया,मंत्री नंद गोपाल नंदी
यूपी की राजधानी लखनऊ के समाज कल्याण निदेशालय के सभागार कक्ष में आयोजित उन्मुखीकरण कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यक आयोग के नव नामित सदस्यों ने मंगलवार को अपना कार्यभार संभाल लिया, इस मौके पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी और राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा एवं आयोग के अध्यक्ष अशफ़ाक़ सैफी ने तमाम सदस्यों से को शपथ दिलाई और आयोग द्वारा काम करने के तरीके पर भी चर्चा हुई ।
कार्यक्रम में मौजूद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा की तमाम वो लोग चाहे कांग्रेस रही हो चाहे समाजवादी पार्टी रही हो और चाहे बसपा रही हो अल्पसंख्यक समाज को डरा करके रखकर के वोट लेने का काम करती रही है,लेकिन बदले में उनको कभी कुछ देने का काम नही किया हम आज पूरे भरोसे के साथ कह सकते है की जितना पिछले 15 सालो में सपा बसपा ने किया है उसके डेढ़ गुना भारी काम हमने 4 सालो में कर दिखाया,हम अल्पसंख्यक समाज के विकास के लिए काम कर रहे है ,उन बच्चों को के लिए जो केवल मज़हबी पढ़ाई करते थे उनके लिए पीएम मोदी ने कहा आधुनिक शिक्षा से जोड़ेंगे एक हाथ मे कुरआन हो एक हाथ मे लैपटॉप हो इसको भी धरातल पर हमने उतारने के काम किया है ।
नंद गोपाल गुप्ता"नंदी"कैबिनेट मंत्री
अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को पढ़ाई के लिए मिलने वाली छात्रवृति पर बोलते हुए कैबिनेट मंत्री नंदी ने कहा मैं विश्वास और भरोसे के साथ कहता हूं,की जिनके लिए जो आया है और जो उसके पात्र है उसमें बिना किसी भेद भाव के उनके बैंक के खाते में पैसा सीधा सीधा ट्रांसफर हो रहा है और अगर कही कोई शिकायत आई है तो उनको जेल भेजने में भी हमलोगों पीछे नही हटे है उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जा रही है ।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के दौरे के दौरान डॉ०भीम अम्बेडकर सांस्कृतिक केंद्र के शिलान्यास को अपने ट्विटर एकाउंट से नाटकबाजी बताया है जिसके बाद से सियासी गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है ,ऐसे में मायावती के इस ट्वीट के जवाब में बोलते हुए कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा ,प्रदेश का एक एक दलित समाज अच्छी तरह से जान चुका है,की सारी मेहनत नेता करता था और मायावती जी केवल टिकट बेचकर तिजोरी में रख लेती थी,बाबा साहेब डॉ०अम्बेडकर के नाम पर वोट लेने का काम दलित समाज को भ्रमित करने का काम किया आज उनकी जमीन खिसक चुकी है इसलिए इस तरह की बाते करे रही है,
हालांकि अब देखने वाली बात ये होगी की कैबिनेट मंत्री की मौजूदगी कार्यभार संभाल वाले अल्पसंख्यक आयोग नव नामित सदस्यों और सरकार द्वारा नियुक्त किये गए आयोग के अध्यक्ष अल्पसंख्यक समाज के लिए क्या बेहतर काम कर पाते है और अल्पसंख्यक समाज को इस बदलाव से आने वाले दिनों फायदे मिल पाते है.
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