सफलता की कुंजी : जीवन में सफलता और सम्मान चाहते हैं, तो इन बुरी आदतों से रहे दूर

सफलता की कुंजी कहती है हमें अपने जीवन मे अच्छी आदतों का निर्माण करना चाहिए और फिर ये आदतें पूरा जीवन हमारा निर्माण करती हैं।

चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को सफलता प्राप्त करनी है तो उसे जीवन में अच्छी चीजों का हिस्सा बनना चाहिए. जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छी चीजों से जुड़ा रहता है उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को अच्छे गुण और अच्छे विचारों के महत्व के बारे में बताते हैं. कि मनुष्य को सदैव श्रेष्ठ कार्य करने चाहिए. जिससे मानव का कल्याण हो. लोक कल्याण की भावना तभी संभव है।

जब व्यक्ति स्वयं में आर्दश गुणों का पालन करता है. व्यक्ति को जीवन में सफल होना है तो उसे गलत आदतों से हमेशा दूर रहना चाहिए. विशेष तौर पर युवाओं को इस बात पर अधिक ध्यान देना चाहिए. क्योंकि व्यक्ति में बुरी आदतों का प्रवेश किशोरावस्था या युवावस्था में ही अधिक होता है. क्योंकि इस अवस्था में उसके सीखने और जानने की प्रवृत्ति बहुत ही अधिक होती है. जानकारों का मानना है कि अच्छी आदतों की तुलना में बुरी आदतें व्यक्ति को जल्दी आकर्षित करती हैं. इसलिए सावधान रहना चाहिए.

गलत संगत का न करें

चाणक्य की मानें तो व्यक्ति के जीवन में उसकी संगत का भी बहुत बड़ा योगदान होता है. यानि जब व्यक्ति अच्छे लोगों के साथ रहता है तो उसके विचारों में सरलता और नवीनता मिलती है वहीं जब गलत संगत में रहता है तो व्यक्ति के स्वभाव में नकारात्मकता और लोक कल्याण की भावना की कमी महसूस होती है. इसलिए गलत संगत से दूर रहें.

ज्ञान का प्रयोग लोगों के कल्याण के लिए करें

विद्वानों का मानना है जीवन में उसी को सफल और श्रेष्ठ माना जाता है जो अपने ज्ञान का प्रयोग लोगों के भले के लिए करता है. ज्ञान अंधकार को मिटाता है. ज्ञान ही सभी दुखों की दवा भी है. जिसके पास ज्ञान है वहीं शांत है. जीवन का असली सुख ज्ञानी ही उठाता है. इसलिए ज्ञान के महत्व को पहचनाना चाहिए.

 

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