भाई चारा इफ्तार पार्टी का आयोजन

हसनपुर : रमज़ान के पाक महीने में सिरसिया गांव में जदयू नेता  अनवर इकबाल, नेमत भाई,मो.अरशद व सुफियान की तरफ से दावत ए इफ्तार का आयोजन हुआ। जहां पर देश की गंगा जमुनी तहज़ीब की झलक साफ नजर आई। इफ्तार पार्टी में हिन्दू मुस्लिम दोनों समुदाय के सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर देश में शांति सौहार्द व आपसी भाइचारे की कामना की।

पिछले कई वर्षों से सामूहिक रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। इस्लाम में एक माह के रोजे रखना मोमिन पर फर्ज है। मुस्लिमों के लिए गुनाहों से मुक्ति और रोजी की तरक्की के लिए यह बड़ा अजमत वाला माह माना जाता है। रमजान को नेकियों या पुन्यकार्यों का मौसम-ए-बहार (बसंत) कहा गया है। रमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस महीने में मुस्लमान अल्लाह की इबादत (उपासना) ज्यादा करता है। यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का है। इस महीने में रोजादार को इफ्तार कराने वाले के गुनाह माफ हो जाते हैं।

पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से आपके किसी सहाबी (साथी) ने पूछा- अगर हममें से किसी के पास इतनी गुंजाइश न हो क्या करें। तो हज़रात मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जवाब दिया कि एक खजूर या पानी से ही इफ्तार करा दिया जाए। यह महीना मुस्तहिक लोगों की मदद करने का महीना है।

रमजान के ताल्लुक से हमें बेशुमार हदीसें मिलती हैं और हम पढ़ते और सुनते रहते हैं, लेकिन क्या हम इस पर अमल भी करते हैं। ईमानदारी के साथ हम अपना जायजा लें कि क्या वाकई हम लोग मोहताजों और नादार लोगों की वैसी ही मदद करते हैं जैसी करनी चाहिए। सिर्फ सदकए फित्र देकर हम यह समझते हैं कि हमने अपना हक अदा कर दिया है। जब अल्लाह की राह में देने की बात आती है तो हमें कंजूसी नहीं करना चाहिए। अल्लाह की राह में खर्च करना अफज़ल है। ग़रीब चाहे वह अन्य धर्म के क्यों न हो, उनकी मदद करने की शिक्षा दी गयी है। मौके पर पूर्व विधायक राजकुमार राय, जिला परिषद सदस्य रणवीर राय, मुखिया मनोज कुमार राजद नेता अमित जायसवाल आदि मौजूद थे।

रिपोर्टर : गौतम कुमार सिंह

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