जिला मुख्यालय स्थित एक होटल से संचालित होने वाले नाथनगर के मनरेगा भ्रष्टाचार की गूंज अंततः कलेक्ट्रेट तक पहुंच ही गई
संतकबीरनगर जिला मुख्यालय स्थित एक होटल से संचालित होने वाले नाथनगर के मनरेगा भ्रष्टाचार की गूंज अंततः कलेक्ट्रेट तक पहुंच ही गई। सेक्योर साफ्टवेयर को दरकिनार करके मनरेगा के पक्के कार्यों मे 5 प्रतिशत कमीशन वसूल करके वित्तीय स्वीकृति देने की फिज़ाओं मे तैर रही चर्चाएं शासन के जीरो टालरेंश नीति की धज्जियां उड़ा रही थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम दिव्या मित्तल ने नाथनगर के बीडीओ विजय कुमार पाण्डेय को हटा दिया तथा हैंसर के बीडीओ अमरेश सिंह चौहान को नाथनगर मे तैनात किया है।
सूत्रों का कहना है नाथनगर ब्लाक मे लगभग एक माह पूर्व शुरू वित्तीय स्वीकृति दिये जाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। बिना श्रमांश और सामाग्री के अनुपात का पालन किये हुए सेक्योर साफ्टवेयर की धज्जियां उड़ा कर लगभग 30 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी गई। ब्लाक सूत्रों के दावे को यदि सच माना जाय तो वित्तीय स्वीकृति के नाम पर लगभग दो करोड़ के कमीशन का खेल कर दिया गया।
रिपोर्टर : मो नईम
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