Sawan Shivratri :आज है सावन महा की शिवरात्रि,जाने व्रत विधि

हिंदू धर्म में सावन को अत्यंत ही पवित्र महीना माना जाता है। ये महीना पूरी तरह से भगवान शिव की पूजा और आराधना को समर्पित होता है। इसलिए ही फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि के बाद सावन माह की शिवरात्रि का ही सबसे ज्यादा महत्व होता है। ये सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल सावन की शिवरात्रि आज यानि  06 अगस्त, दिन शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पर्वती का भी पूजन किया जाता है।
 

सावन शिवरात्रि व्रत विधि

शिवरात्रि के एक दिन पहले, मतलब त्रयोदशी तिथि के दिन, भक्तों को केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए. शिवरात्रि के दिन, सुबह नहाने के बाद, भक्तों को पुरे दिन के व्रत का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प के दौरान, भक्तों को मन ही मन अपनी प्रतिज्ञा दोहरानी चाहिए और भगवान शिव से व्रत को निर्विघ्न रूप से पूर्ण करने के लिए आशीर्वाद मांगना चाहिए शिवरात्रि के दिन भक्तों को सन्ध्याकाल स्नान करने के पश्चात् ही पूजा करनी चाहिए या मन्दिर जाना चाहिए. शिव भगवान की पूजा रात्रि के समय करना चाहिए एवं अगले दिन स्नानादि के बाद अपना व्रत तोड़ना चाहिए. व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए, भक्तों को सूर्योदय व चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य के समय में ही व्रत का समापन करना चाहिए.

               

सावन शिवरात्रि मुहूर्त-

सावन मास चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 06 अगस्त, शाम 06 बजकर 28 मिनट से 
सावन मास चतुर्दशी तिथि समाप्त- 07 अगस्त की शाम 07 बजकर 11 मिनट पर
 
               

व्रत पारण का समय-

07 अगस्त, दिन शनिवार की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक है।

    

महत्व-

सावन शिवरात्रि का महत्व बहुत अधिक होता है।
इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
 

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