शनि के बर्फिले चंद्रमा पर छिपा है गुप्त महासागर, चल रही खोज

Saturn Moon Mimasः मंगल के अलावा गुरु और शनि ग्रहों के चंद्रमाओं में पानी की महासागर मिलने की उम्मीद बढ़ रही है. लेकिन रोचक अध्ययन करते हुए वैज्ञानिकों को पहली बार ऐसे प्रमाण मिले हैं जो बताते हैं शनि ग्रह के सबसे पास स्थित उसके चंद्रमा "मिमास" में एक आंतरिक महासागर है.

https://helios-i.mashable.com/imagery/articles/011EaGrQ7947NUUQjoHL2wQ/hero-image.fill.size_1248x702.v1642797113.jpg


मीमास का ऊपरी सतह काफी कठोर
मीमास के ऊपरी सतह पर कोई भी फ्रैक्चरिंग या पिघलने का सबूत नहीं है. इस नए अध्ययन के प्रमुख लेखक एलिसा रोडेन ने न्यू साइंटिस्ट को बताया कि जब हम मीमास को देखते हैं तो यह एक छोटी, ठंडी, मृत चट्टान जैसी दिखाई देती है. अगर आप मीमास को अन्य बर्फीले चंद्रमाओं के एक समूह के साथ रखते हैं तो इसे देखते ही आप बोल उठेंगे कि इस चंद्रमा के पास एक महासागर है.

https://cdn.mos.cms.futurecdn.net/2NBJxEnecUcopJYy34jqJi.jpg

मिसाास की आंतरिक गर्मी से नीचे पिघली हुई है बर्फ
नई स्टडी में टीम ने छोटे चंद्रमा के आकार और उसकी बनावट संबंधी विशेषता का पता लगाया. इससे निर्धारित किया गया कि इसकी आंतरिक गर्मी बहते हुए पानी की स्थिति को बनाने में सक्षम है कि नहीं. इस चंद्रमा को सैटर्न Iके नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह शनि के छल्लों के सबसे करीब है. मीमास का कुल क्षेत्रफल स्पेन की जमीनी क्षेत्र से थोड़ा ही कम है.

1789 में हुई थी इस चंद्रमा की खोज
मीमास की खोज 1789 में अंग्रेजी खगोलशास्त्री विलियम हर्शल ने अपने 40 फुट के परावर्तक दूरबीन से की थी. नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान ने सबसे पहले इस चंद्रमा के आस पास उड़ान भरी थी. उसी ने इस चंद्राम की कई तस्वीरें भी जुटाई थी। इस चंद्रमा की औसत त्रिज्या 123 मील से भी कम है. इसकी ऊपरी सतह गड्ढों से ढकी हुई है. इसके कम घनत्व से पता चलता है कि इसमें लगभग पूरी तरह से पानी की बर्फ है, जो अब तक पाया गया एकमात्र पदार्थ है.

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.