आज है शनि का दिन , करें इन मंत्रों का जाप , होगें कष्ट दूर
हर दिन किसी ना किसी ईश्वर को समर्पित होता है ..और हर दिन का महत्व भी अलग अलग होता है ... आज शनिवार है शनि देव का दिन. कहते हैं कि जिस पर शनि की शुभ दृष्टि होती है तो वो रंक को राजा बना सकती है. वहीं, अगर किसी पर शनि महाराज की बुरी दृष्टि होती है तो राजा को रंक बना देती है. शनि की शांति के लिए शनि महाराज की पूजा करनी आवश्यक होती है. लोगों पर शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव कम करने के लिए शनि के विभिन्न मंत्रो का जाप करना भी फलदायक माना गया है. इन मंत्रों से केवल ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव ही नहीं बल्कि व्यक्ति के कष्टों का निवारण हो जाता है
लेकिन कहत हैं ना शनि देव की पूजा बहुत सोच समझ कर करनी चाहिए .शनि की पूजा में कोई गलती नहीं होनी चाहिए नहीं तो इसका विपरीत असर पड़ता है ..तो सबसे पहले तो बताते है शनि देव की पूजा में भूल से भी कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए ...
- शनि देव की पूजा शनि की मूर्ति के समक्ष न करें
- शनि के उसी मंदिर में पूजा आराधना करनी चाहिए जहां वह शिला के रूप में हों
- प्रतीक रूप में शमी के या पीपल के वृक्ष की आराधना करनी चाहिए.
- शनि देव के समक्ष दीपक जलाना सर्वश्रेष्ठ है, परन्तु तेल उड़ेल कर बर्बाद नहीं करना चाहिए.
- जो लोग भी शनि देव की पूजा करना चाहते हैं , उनको अपना आचरण और व्यवहार अच्छा रखना चाहिए.
कहते हैं मंत्रों से ही सिद्धी मिलती है और मत्रों से ही देवता खुश होते हैं . सभी देवी देवताओं के मंत्र अलग अलग होते हैं और उनके सहीं उच्चारण के बाद ही फल मिलता है ..तो आइए जानते हैं कि शनि देव के कौन से शक्तिशाली मंत्रों का सभी को जाप करना चाहिए –
शनि गायत्री मंत्र
ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि ।
शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः ।।
शनि स्तोत्र
ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।
शनिदेव को प्रसन्न करने वाले सरल मंत्र
1. "ॐ शं शनैश्चराय नमः"
2. "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"
3. "ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।।
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