सावन के महीने में अपने ससुराल कनखल में निवास करते है शिव शंकर
सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिये है और जो कोई भी शिव की सच्चे मन से उनकी पूजा करता है उसकी मनचाही कामना पूरी होती है. इस महा में लोग सुबह-सुबह ही शिव मंदिरों में शिव का जलाभिषेक करने के लिए निकल पड़ते है . मान्यता है कि भगवान शिव को सोमवार के दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की अपार कृपा मिलती है.
सावन में शिव कनखल में ही विराजते हैं
सावन के महीने का शिव भक्तों को भी इंतजार रहता है लोग सुबह-सुबह ही शिव मंदिरों में शिव का जलाभिषेक करने के लिए निकल पड़ते है . माना जाता है कि शिव भोले है और जो कोई भी सच्चे मन से उनकी पूजा करता है उसकी मनचाही कामना पूरी होती है. ऐसा माना जाता है की सवना के महीने में शिव जी अपने ससुराल कनखल स्थित दक्षेश्वर प्रजापति में ही निवास करते हैं और यही से सृष्टि का संचालन करते हैं.
जलाभिषेक प्रसन्न होते है शंकर
सावन के महीने में जलाभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते है और भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं. भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय गंगा जल है और श्रावण के महीने में लोग अपनी श्रद्धानुसार भगवान शिव को गंगा जल अर्पित करते हैं. बेल पत्र ,धतूरा, फल, पुष्प, पंच फल पंच मेवा, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, शहद, गंगा जल, मौली जनेऊ, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, आम्र मंजरी, जौ की बालें, धतूरा, भांग, बेर, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, धूप, दीप, रूई, ईख का रस, कपूर, मलयागिरी चंदन, गिलोय आदि से भगवान भगवान शिव अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्तों को चाहिए कि वे महादेव की पूजा करते समय शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री जरूर अर्पित करें. इससे भगवान शिव की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है.
सावन के दूसरे सोमवार पर बन रहा है ये विशेष योग
ज्योतिष गणना के अनुसार सावन का दूसरा सोमवार कृतिका नक्षत्र में प्रारंभ हो रहा है. कृतिका नक्षत्र का संबंध भवान शिव के पुत्र कार्तिकेय से है. इस लिए इस दिन शिव की पूजा विशेष फलदायी होती है. इसके अलावा आज सूर्य कर्क राशि में बुध ग्रह के साथ बुधादित्य योग का निर्माण कर रहा है. इस योग में शिव पूजन करने से बुध ग्रह मजबूत होता है.
आज का शुभ समय
अभिजित मुहूर्त: आज 02 अगस्त को दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक.
वृद्धि योग: आज 02 अगस्त को रात 11:07 बजे तक है.
विजय मुहूर्त: आज 02 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से दोपहर 03 बजकर 36 मिनट तक.
सर्वार्थ सिद्धि योग: आज रात 10 बजकर 44 मिनट से अगले दिन प्रात: 05 बजकर 44 मिनट तक.
अमृत काल: आज रात 08 बजकर 01 मिनट से रात 09 बजकर 49 मिनट तक.
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