पहले से था आयुष्मान कार्ड तो चंद घंटे में शुरू हो गया इलाज

सिद्धार्थनगर :     अगर आप आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी हैं और पहले से आयुष्मान कार्ड बना है तो इलाज कराने व सुविधा का लाभ लेने में सहूलियत होगी। मरीज को तत्काल भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया जाता है लेकिन आयुष्मान कार्ड न रहने पर इलाज में समय लगता है। पहले कार्ड वेरिफाई किया जाता है फिर इलाज शुरू हो पाता है। डुमरियागंज क्षेत्र के सागर रौंजा गांव की सावित्री (46) के पित्त की थैली में सात साल से पथरी थी। पथरी से शुरुआती दौर में उन्हें कभी दिक्कत नहीं हुई इसलिए उपचार भी नहीं कराया। पिछले एक साल से उन्हें पथरी ने परेशान कर दिया। वह बताती हैं कि दर्द उठने पर दवा से काम चलाती रहीं। इससे भी राहत न मिलने पर दिसम्बर माह में ऑपरेशन कराने को योजना से जुड़े डुमरियागंज क्षेत्र के निजी हॉस्पिटल में भर्ती हो गईं। उन्होंने बताया कि काफी पहले उनके घर मुख्यमंत्री लाभार्थी पत्र आया था तो उन्होंने भविष्य में उपचार को ध्यान में रखते हुए आयुष्मान कार्ड बनवाकर रख लिया। इसका लाभ उन्हें पथरी के ऑपरेशन के समय मिला। आयुष्मान कार्ड होने की वजह से उन्हें भर्ती होने में समय नहीं लगा और तत्काल उपचार प्रारंभ हो गया। ऑपरेशन के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।

भागदौड़ के बाद बना आयुष्मान कार्ड डुमरियागंज के भानपुररानी गांव की आशा (29) के पित्त की थैली में पथरी थी लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। सात माह पहले वह गर्भवती हो गईं। बीच में बच्चा नुकसान हो जाने पर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए गईं। वह बताती हैं कि अल्ट्रासाउंड में पित्त की थैली में पथरी होने की जानकारी हुई। उपचार कराने के बाद वह घर लौट आई। थोड़ा आराम मिलने पर पथरी का ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया, लेकिन पति दुर्गेश के मजदूरी के सीमित पैसे से खर्च वहन कर पाना संभव नहीं था। आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी सूची में पूरे परिवार का नाम था लेकिन ससुर के अलावा किसी का कार्ड नहीं बना था। पति ने आशा के माध्यम से सीएचसी बेंवा पर कार्यरत आयुष्मान मित्र से सम्पर्क कर कार्ड बनवाया।
रिपोर्टर : अभिषेक शुक्ला

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