कोरोना प्रभावित 22 बच्चों की शिक्षा व देखभाल के लिए खातों में पहुंची धनराशि

रिपोर्टर : सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर: “बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा, प्यार व अधिकार-सरकार करेगी सपने साकार” के नारे के साथ कोविड-19 प्रभावित बच्चों को मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबध्द प्रदेश सरकार ने गुरुवार  को उनके अभिभावकों के बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर की। जिले के 22 ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने कोरोना काल (मार्च 2020 से) में अपने माता-पिता दोनों या उनमे से किसी एक को खोया है। उत्तर प्रदेश महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि कोविड काल  में माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले इन्हीं बच्चों के जीवन को संवारने के लिए वृहस्पतिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘उ. प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की विधिवत शुरुआत की। उन्होंने बताया कि सूबे के 4050 ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने कोरोना काल (मार्च 2020 से) में माता-पिता दोनों या उनमे से किसी एक को खोया है । इनमें 240 ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने माता-पिता दोनों को खोया है जबकि 3810 बच्चों ने दोनों मे से किसी एक को खोया है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अश्वनी तिवारी ने बताया कि योजना की श्रेणी में आने वाले 0 से 18 साल के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में 4000 रूपये प्रतिमाह दिए जाएंगे । इसके साथ शर्त यह होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो, समय से टीकाकरण कराया गया हो और बच्चे के स्वास्थ्य व पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो । इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हों और बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के तहत संचालित बाल देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गए हों, उनको कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा । 11 से 18 साल के बच्चों की कक्षा 12 तक की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा । ऐसे वैध संरक्षक को विद्यालयों की तीन माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल हेतु प्रतिमाह 4,000 की दर से 12,000 रूपये प्रतिवर्ष खाते में दिए जायेंगे । यह राशि कक्षा-12 तक या 18 साल की उम्र जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जायेगी । यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हों तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए उनको 18 साल का होने तक या कक्षा 12 की शिक्षा पूरी होने तक 4,000 रूपये की धनराशि दी जायेगी बशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो । योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने पर शादी के लिए 1.01 लाख (एक लाख एक हजार रूपये) दिए जायेंगे । श्रेणी में आने वाले कक्षा-9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 साल तक के बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सुविधा दी जाएगी । ऐसे बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रबंध होंगे।

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