मूलभूत सुविधाओ का अभाव, जिम्मेदार मौन

कुड़वार :  कुड़वार कस्बा रियासत के समय की बनी बहुत पुरानी बाजार है।आजादी के बाद से व्यापारियों ने अपने व्यापार के स्तर को तो ऊंचा उठाया लेकिन जो सुविधाएं कस्बे में व्यापारियों व आने-जाने वाले ग्राहकों को मिलनी चाहिए वह आज तक नहीं मिल पा रही है। कुड़वार कस्बा जिला मुख्यालय से बारह किमी.पश्चिम की तरफ गोमती नदी के नजदीक बसा है।यहां छोटी बड़ी कुल मिलाकर लगभग पांच सौ दुकानें हैं।कपड़ा,ज्वेलरी,इलेक्ट्रॉनिक,किराना,रेडीमेड सहित कई छोटी-बड़ी दुकानें हैं।इसके अलावा दो बाइक एजेंसी, ई-रिक्शा एजेन्सी,दूध डेयरी भी कस्बे से संचालित हैं।

यहां प्रतिदिन लाखों रुपये का कारोबार होता है।इसके अलावा ब्लाक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,थाना व प्राथमिक विद्यालय भी हैं।  बैंक आफ् बडौदा,ग्रामीण बैंक और केनरा बैंक कस्बे में स्थित हैं। जहां काफी संख्या में लोग पैसे का लेनदेन करते हैं।यहां हफ्ते में दो दिन साप्ताहिक बाजार लगती है। जिससे सोमवार व शुक्रवार को भीड़ काफी बढ़ जाती है। कस्बे के बीचोबीच स्थित चौराहा धनपतगंज होते हुए अयोध्या,अलीगंज राष्ट्रीय राजमार्ग व हलियापुर के पास पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को जोड़ता है। इस कारण कस्बे में दूर तक के लोगों का आवागमन बना रहता है। इसके अलावा कुड़वार के चारों तरफ घनी आबादी के चलते कस्बे में हजारों लोग प्रतिदिन खरीदारी करने आते हैं।


समस्याएं : 
सुलभ शौचालय नहीं ।

कस्बे में प्रतिदिन हजारों महिला-पुरूष बाजार में खरीदारी करने के लिए आते हैं। कस्बे से सटा कोई भी सुलभ शौचालय न होने से खासकर महिलाओं को काफी असुविधा होती है। इतने बडे़ कस्बे में एक भी पेशाबघर नहीं बनाया गया है। कई वर्ष पहले नेडा द्वारा बनाया गया सुलभ शौचालय निष्प्रयोज्य हो गया है। ग्राम पंचायत में बनाया गया सामुदायिक शौचालय कस्बे से दूर है। 

जाम की समस्या

कुड़वार कस्बा सकरा होने के चलते जाम की समस्या से प्रतिदिन कराहता रहता है। ओएनजीसी कम्पनी द्वारा दोनों तरफ पोल खड़ा कर देने से यह समस्या और बढ़ गयी है।इसके अलावा बीच कस्बे में संचालित हो रहे टैक्सी स्टैण्ड जाम की मुख्य समस्या बना हुआ है।यहां तक कि मरीजों को ले जाने वाली एम्बुलेंस भी घंटो जाम में फंस जाती है। मौके से पुलिस भी गायब रहती है। 

पानी निकासी की समस्या

कस्बे में सड़क के दोनों तरफ नाली बनायी गयी है। यह नाली व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। नालियां गंदगी से पटी हैं जिससे बरसात का पानी घरों में भर जाता है।

पेय जल समस्या

कस्बे में लगभग दर्जन भर इण्डिया मार्का नल लगे हैं लेकिन आधे खराब हैं। इस समय जल जीवन मिशन के अन्तर्गत नई पाइप लाइन जलनिगम द्वारा डाली जा रही है। शीघ्र पेय जल का संकट दूर हो जायेगा। 

कूड़ा डम्पिंग की नहीं है व्यवस्था

वैसे तो कस्बे में साफ सफाई रहती है लेकिन पूरे कस्बे का कूडा़  कस्बे के बगल फेंका जाता है जिससे बरसात के दिनों में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। 
 मांग

सर्राफा व्यवसायी दयाराम अग्रहरि का कहना है कि कुड़वार बाजार जिला मुख्यालय से मात्र बारह किमी है। इसलिए इसे नगर पंचायत का दर्जा मिलना चाहिए। मालुम हो कि कुड़वार को नगर पंचायत में शामिल करने के लिए कई बार क्षेत्रीय लोगों से लेकर व्यापारियों तक ने आवाज उठायी। इस पर काम भी शुरू हुआ लेकिन फिर ठंडे बस्ते में चला गया। 
   

दुकानदार श्यामोहन टीटू का कहना है कि बरसात के मौसम में नालियों की सफाई जरूरी है जिससे घरों में पानी न घुसे। इसके लिए खुद को जागरूक होना पडे़गा। 

ग्राहक लल्लन सिंह निवासी खादर बसंतपुर का कहना है कि बहुत पुरानी बाजार होने के बावजूद ग्राहकों के लिए कोई सुविधा नहीं है। गाड़ी खड़ी करने की जगह बाजार में नहीं है। आए दिन ट्रैफिक व्यवस्था सही न होने व टैक्सी स्टैण्ड बीच बजार में रहने के कारण जाम लगा रहता है। इससे लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। 

   पूरे तिलक निवासी ग्राहक विजय प्रकाश तिवारी का कहना है कि पेशाब घर न होने से खासकर महिलाओं को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।कूडा़ डम्पिंग की व्यवस्था न होने से कम्पोजिट विद्यालय व धनपतगंज रोड पर कूडा़ फेंका जाता है। विधायक द्वारा पंचरास्ता पर लगायी गयी हाईमास्क लाइट करीब पांच वर्ष से खराब है। कस्बे की आबादी करीब पांच हजार है। इसके बावजूद भी कोई बारातघर नहीं है। शादी विवाह में लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

रिपोर्टर : मनोज पाण्डेय

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.