नवपदस्थ एसपी संतोष सिंह ने किया कार्यभार ग्रहण

बिलासपुर - जिले के नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने  आज अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया , एसएसपी श्रीमति पारुल माथुर ने उन्हें एसपी का चार्ज सौपा। इसके पहले नवपदस्थ एसपी को गॉड ऑफ़ ऑनर दिया गया। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेंद्र जायसवाल , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल देव शर्मा , सीएसपी कोतवाली पूजा कुमार , सिविल लाइंस सीएसपी संदीप पटेल , हेड क़्वाटर डीएसपी राजेश श्रीवास्तव सहित पुलिस अधिकारी मौजूद थे। जिले के एसपी कार्यालय में अपना पदभार गृहण करने के साथ अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों से चर्चा की। आईपीएस एसपी संतोष सिंह ने कहा बिलासपुर जिला मेरे लिये अतिमहत्वपूर्ण है। जिसमें एक अच्छा लायन आर्डर और क्राइम कंट्रोल करना बहुत जरुरी है। इसके लिये हम कोशिश करेंगे कि बेहतर पुलिसिंग हो सके। इसमें बेहतर लायन आर्डर और क्राइम कंट्रोल अच्छा रहे। मेरी कोशिश होगी कि पुलिस और पब्लिक के बीच की दूरियां कम हो , अपराधियों में कसेंगे लगाम , नशा और अपराध के खिलाफ चलाया जायेगा विशेष अभियान। उन्होंने ये भी कहा कि न्यायधानी में क्राइम रेट को कम करने संयुक्त मोर्चा अभियान चलायेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मैं बिलासपुर की कमान लेते ही दो चीजों पर जिले के पुलिस अधिकारियों को फोकस करने का निर्देश दिया हूँ , इसमें पहला नशे के खिलाफ निजात अभियान और ट्राफिक एक्सीडेंट और डेथ रेट पर त्रिपल पीई मॉडल पर काम किया जाये। इसके अलावा अवैध कारोबारी और गुटबाजियों पर भी लगाम लगाया जायेगा। साथ ही जो अपराधी है और बेखोफ घूम रहें है। जिनमे अपराध करने के बाद भी कोई भय नहीं होता। ऐसे अपराधियों पर सख्ती बरतने का काम करेंगे। यानि अपराधियों पर शिकंजा और आम लोगो में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिये भरोसा बढ़ाया जायेगा। पुलिस और पब्लिक के फासले कम होंगे।

                        उल्लेखनीय है कि संतोष सिंह की छवि एक शांत सौम्य एवं शालीनता पूर्वक अपने कार्य को संपन्न करने एवं सकारात्मक परिणामों के लिये जाने जाते रहे हैं। इसके पहले ये छह जिले के एसपी रह चुके है और बिलासपुर उनका सातवां जिला है। शुरुआत उन्होंने नारायणपुर जिले से की थी उसके बाद महासमुंद , रायगढ़ ,राजनांदगांव ,कोरिया ,कोरबा और अब बिलासपुर जिले के कप्तान बनकर जिले का दायित्व सम्हाल रहे हैं। अपनी स्थापना के दौरान वे महासमुंद , रायगढ़ , कोरिया , राजनांदगांव एवं कोरबा आदि में निर्विवाद कार्य करते हुये सफलता से अपना कार्यकाल संपन्न कर चुके हैं। वे महासमुंद एवं अन्य आदिवासी क्षेत्रों में अपनी सहज , सुलभ कार्यशैली से सकारात्मक परिणाम दे चुके अधिकारी के रूप में आज भी जाने जाते हैं। वही रायगढ़ में अपने कार्यकाल के दौरान महानदी की बाढ़ पीड़ितों एवं कोरोना महामारी की दोहरी विभीषिका में आमजनों के बीच स्वास्थ्यगत समस्याओं एवं अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुओं को बाढ़ प्रभावितों एवं दूर-दराज इलाकों में निजी प्रयासों द्वारा इनकी उपलब्धता हेतु उनके द्वारा किये गये प्रयासों के लिये इन्हें जाना जाता है। इनको महासमुंद जिले में कार्य करने के दौरान चाइल्ड फ्रेंडली पुलिसिंग को बढ़ावा देने के एवज में आईएसीपी अवार्ड मिला था। रायगढ़ में तैनाती के दौरान ही उन्हें क्राइम कंट्रोल के लिये तीन बार इंद्रधनुष अवॉर्ड भी दिया गया। कोरबा जिले में भी इन्हें बेहतर काम के चलते अवॉर्ड मिला था। ये अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके है। देश विदेश में "निजात अभियान" के नाम से फेमस है और इसके लिये उन्हें पुरस्कार भी मिला है। ये जिस जिले में रहे वहां पर इन्होंने निजात अभियान पर जोर डाला और नाम कमाया।

रिपोर्ट- भुपेन्द्र यादव

 

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