मानवाधिकार न्यायालय ने तलब किए एटा के एसीएमओ नोडल अधिकारी
एटा: मनमाने तरीके से चिकित्सक का क्लीनिक सील करने और चिकित्सक द्वारा अपने दस्तावेज दिखाने के बावजूद उसके क्लीनिक की सील न खोलने के मामले को मानवाधिकार का उल्लंघन मानते हुए जिले की मानवाधिकार अदालत ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/ नोडल अधिकारी झोलाछाप को तलब किया।
बताते चले निधौलीकलां के चिकित्सक डा. समी अनवर पुत्र मेंहदी हसन राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा परिषद बिहार से सूचीकृत चिकित्सक है, जिनके क्लीनिक को 26 अप्रैल 2022 को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी / नोडल अधिकारी झोलाछाप डा. सर्वेश कुमार ने सील कर दिया। चिकित्सक द्वारा अपने क्लीनिक की सील खुलवाने के लिए नोडल अधिकारी व उनके उच्चाधिकारियों को अपने दस्तावेज दिखाए। इसके बावजूद उनके क्लीनिक की सील नहीं खोली गई।ऐसे में मानवाधिकारवादी अधिवक्ता डा. अरुण कुमार उपाध्याय के माध्यम से उन्होंने अदालत में अर्जी पेश की। अधिवक्ता डा. अरुण कुमार उपाध्याय की दलीलों को सुनने के बाद मानवाधिकार न्यायालय ने इस मामले में हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन को दृष्टिगत रखते हुए मामला दर्ज किया तथा 14 मार्च को अदालत में अपना पक्ष रखने को एसीएओ डा. सर्वेश कुमार को तलब किया। अधिवक्ता डा. अरुण कुमार उपाध्याय ने बताया कि डा. समी अनवर के खिलाफ वर्ष 2005 में भी सीएमओ जीडी भास्कर ने एफआईआर कराई थी। जो पुलिस की विवेचना में ही झूठी साबित हुई थी।उस मामले की पत्रावली तक अदालत द्वारा कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत नष्ट की जा चुकी है। ऐसे में क्लीनिक सील करने की कार्यवाही भारतीय संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है।
रिपोर्टर : लखन यादव
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