क्या UPI ट्रांजेक्‍शन पर देना होगा चार्ज ? क्या है पूरा मामला

Written By - Arpit Singh - 

2016 में यूपीआई की लोंचिंग के साथ डिजिटल पेमेंट की दुनिया में एक क्रांति आई थी और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार तमाम कोशिश भी कर रही हैं. जिसका असर भी दिख रहा हैं. आज भारत में लगभग 25 करोड़ लोग रोज यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं.  यूपीआई पेमेंट महंगा होने वाला हैं ये ख़बर जब लोगो तक किसी न किसी माध्यम से पहुची तो सोचने लगे कि इतनी महंगाई वो पहले से ही झेल रहे हैं. अब २००० हजार से अधिक का भुगतान करने पर उन्हें 1.1% का चार्ज देना पड़ेगा. यानि उनकी जेब ढीली होगी. जिस ख़बर को जानकर लोग परेशान हो रहे थे वो सूचना गलत थी. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने मंगलवार को स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि बैंक अकाउंट टू अकाउंट आधारित यूपीआई पेमेंट या सामान्य यूपीआई भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। एनपीसीआई ने बयान में कहा कि दुकानदार  के ‘पूर्व भुगतान साधन ’के जरिये लेनदेन करने पर इंटरचेंज शुल्क लगेगा। हालांकि यह शुल्क ग्राहकों को अदा नहीं करना होगा। मतलब जनता को कोई चार्ज नहीं देना होगा. दरअसल, निगम ने पीपीआई वॉलेट को अंतर-संचालित (इंटरचेंज) यूपीआई परिवेश का हिस्सा बनाने की मंजूरी दी और पीपीआई के जरिये 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर 1.1 प्रतिशत शुल्क लगाया है। इसमें बताया गया है कि इंटरचेंज शुल्क सिर्फ पीपीआई मर्चेंट लेनदेन पर ही लगेगा, ग्राहकों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि बैंक खाते से बैंक खाता आधारित यूपीआई भुगतान (सामान्य यूपीआई भुगतान) पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। पीपीआई के यूपीआई में जुड़ने के बाद ग्राहकों के पास कोई भी बैंक खाता इस्तेमाल करने का विकल्प होगा। बैंक खाते से बैंक खाते में लेनदेन ग्राहकों और विक्रेताओं दोनों के लिए नि:शुल्क होगा। कुलमिलाकर आम ग्राहकों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना हैं. लेकिन इसका सीधा प्रभाव 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन करने वाले व्यापारियो पर पड़ेगा. ये पूरी तरह बैंक और दुकानदारों के बीच का मामला हैं.

 

ये होंगे पेमेंट के मापदंड 
सर्कुलर में बताया गया है कि यह चार्ज केवल व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना पड़ेगा। इस सर्कुलर के अनुसार बैंक अकाउंट और यूपीआई वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर  और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट पर कोई चार्ज लागू नहीं होगा। ये सारे पेमेंट पुराने नियमों के अनुसार ही होंगे। इंटरचेंज शुल्क केवल पीपीआई मर्चेंट लेनदेन के लिए लागू होते हैं और ग्राहकों के लिए कोई शुल्क नहीं है, और यह आगे स्पष्ट किया जाता है कि बैंक खाते के लिए बैंक खाता-आधारित यूपीआई भुगतान (यानी सामान्य यूपीआई भुगतान) के लिए कोई शुल्क नहीं है।बता दें कि इससे पहले भी एक बार ऐसी खबर आई थी, जिसमें ये कहा गया था कि ऑनलाइन पेमेंट करने वालों को चार्ज देना पड़ेगा, जिसे थोड़ी समय बाद ही खारिज कर दिया गया था। देश में सरकार ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है तो ऐसा होने की उम्मीद बेहद कम है कि पेमेंट पर चार्ज तय हो।

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