जानिए इस सप्ताह 20 से 26 फरवरी तक के व्रत एंव त्योहार

हिंदू पंचांग के अनुसार फरवरी माह का चौथा सप्ताह काफी खास होता है। क्योंकि इस सप्ताह की शुरुआत सोमवती अमावस्या और पंचक के साथ हो रही हैं। फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि के साथ फरवरी माह के चौथे सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है। इसके साथ ही इस सप्ताह का अंत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के साथ हो रहा है। इसके साथ ही इस सप्ताह पंचक, अमावस्या, स्कंद षष्ठी, फुलैरा दूज, विनायक चतुर्थी से व्रत पड़ रहे हैं। जानिए हिंदू पंचाग के अनुसार, इस सप्ताह में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों के बारे में।

सोमवती अमावस्या- 20 फरवरी 2023, सोमवार

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान के साथ पितरों का तर्पण करना अति शुभ माना जाता है। इसके साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है।

फुलेरा दूज, चंद्र दर्शन- 21 फरवरी 2023, मंगलवार

फुलेरा दूज

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलैरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन पूरे मन से विधिवत भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है। फुलैरा दूज ब्रज के मंदिरों में खास देखने को मिलती है। इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ फूलों की होली खेली जाती है। इसके साथ ही फुलैरा दूज को शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।

चंद्र दर्शन

हर मास की अमावस्या तिथि के अगले दिन या फिर दूसरे दिन चंद्र दर्शन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन कई लोग व्रत रखने के साथ शाम को चंद्रमा के दर्शन करते है और अपना व्रत भी खोलते हैं।

विनायक चतुर्थी- 23 फरवरी 2023, गुरुवार

हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा की जाती है।

स्कंद षष्ठी- 25 फरवरी 2023, शनिवार

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती के छोटे पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। भगवान कार्तिकेय को स्कंद, मुरुगन और सुब्रह्मण्य के नाम से भी जाना जाता है।

भानु सप्तमी- 26 फरवरी 2023, रविवार

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूजा करने का विधान होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा और व्रत रखने से जीवन की सारी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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