आंगनबाड़ी में 10 साल से शिक्षक का कब्जा, निजी भवन में हो रहा संचालन

जशपुर : नगर पंचायत बगीचा के वार्ड नंबर 7 में नौनिहालों को औपचारिक शिक्षा व पोषण आहार का लाभ देने के लिए बने आंगनबाड़ी केन्द्र कभी भी बच्चों के काम नहीं आया। भवन निर्माण के साथ इस केन्द्र पर एक शिक्षक निवास करने लगे। शिक्षक का ट्रांसफर बगीचा से दुलदुला हो चुका है, लेकिन अभी भी शिक्षक ने इस भवन पर अवैध रूप से अपना कब्जा जमा रखा है। इधर वार्ड नंबर 7 में आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन कार्यकर्ता के निजी मकान में किया जा रहा है। भवन होने के बावजूद 10 साल से बच्चे मिट्टी के कच्चे मकान में पढ़ने जा रहे हैं।

शिक्षक केदार नाथ यादव का आंगनबाड़ी भवन पर कब्जा है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 10 साल पहले तात्कालीन एसडीएम से अनुमति लेकर शिक्षक ने शासकीय भवन आंगनबाड़ी केन्द्र में रहना शुरू किया था। उसके बाद इस शासकीय भवन का उपयोग लगातार निजी मकान के तौर पर होता रहा, जब तक शिक्षक केदारनाथ यादव बगीचा विकासखंड के स्कूल में रहे वे भवन में निवास करते रहे।

इस दौरान किसी ने भी केन्द्र संचालन के लिए आंगनबाड़ी भवन खाली कराने की पहल नहीं की। महिला व बाल विकास विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने भी इस मामले में कुछ नहीं किया। कई सुपरवाइजर और कई परियोजना अधिकारी इन 10 सालों में आए, लेकिन सभी केन्द्र का निरीक्षण कार्यकर्ता के मकान में संचालित आंगनबाड़ी का किया, पर भवन को लेकर कोई पहल नहीं हुई।

विभागीय रिकार्ड में खुद के भवन में संचालन शिक्षक के पास आंगनबाड़ी भवन में रहने के लिए तात्कालीन एसडीएम द्वारा जारी किया गया पत्र था। इस पत्र के दम पर शिक्षक ने अब तक भवन पर कब्जा जमाकर रखा है। यह भवन महिला व बाल विकास विभाग के रिकार्ड में है, इसलिए वार्ड नंबर 7 में 10 साल में कोई नया आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं बनाया गया। चूंकि विभागीय रिकार्ड में वार्ड नंबर 7 में आंगनबाड़ी केन्द्र का भवन है।

जिले में 147 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भवन नहीं जिले में 147 आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसे हैं, जो फिलहाल भवन विहीन हो चुके हैं। अत्यंत बदहाल भवनों को तोड़ने की कार्रवाई चल रही है। करीब 100 जर्जर भवन तोड़े जा चुके हैं। भवन के अभाव में केन्द्रों का संचालन शासकीय स्कूल, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन में हो रहा है, जहां कोई भवन नहीं है वहां कार्यकर्ता अपने मोहल्ले में किराए का भवन मैँ संचालन कर रहे हैं।

आंगनबाड़ी भवन के लिए स्वीकृति मिलना आसान नहीं  महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस वर्ष भी नए आंगनबाड़ी केन्द्र भवन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति की बात करें तो पिछले साल भेजे गए प्रस्ताव पर अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। यदि केन्द्रों के संचालन के लिए भवन की स्वीकृति मिलती भी है तो इतनी जल्दी सभी केन्द्रों के लिए एक साथ स्वीकृति नहीं मिलेगी।

4 साल पहले दुलदुला ब्लॉक शिक्षक का हो चुका ट्रांसफर  चार साल पहले शिक्षक केदार नाथ का ट्रांसफर बगीचा विकासखंड से दुलदुला हो चुका है। इसके बाद भी शिक्षक ने आंगनबाड़ी केंद्र खाली नहीं किया। सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र भवन का इस्तेमाल शिक्षक निजी तौर पर कर रहा है। इधर आंगनबाड़ी का संचालन सहायिका के मकान पर किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें कोई मानदेय भी नहीं दिया जाता है। इसके बावजूद जिले के जिम्मेदार अफसर संबंधित शिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।खाली कराया जाएगा भवन "मामले की मौखिक शिकायत प्राप्त हुई है। इसकी जांच कर संबंधित शिक्षक के कब्जे से शासकीय भवन को जल्द खाली कराया जाएगा,

रिपोर्टर : चंद्रभान यादव

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