तेहरिया वक्ता को पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित

हरियाणा : रुद्रानी जी का  जन्म 3 अगस्त 1976 को पंजाब के एक छोटे से शहर मलोट मे हुआ उनकी 1 मई  2021 को उनकी कोरोना से मृत्यु हुई थी। उनकी शुरुआती पढ़ाई शहर के स्कूल से हुई बाद मे कॉलेज भी वही से किया. पोस्ट ग्रेजुएशन उन्होंने चंडीगड यूनिवर्सिटी से पूर्ण की, उनके पिता का नाम श्री केवल कृष्ण व माता अजित कुमारी था  चार संतानो मे वे सबसे बड़ी थी अतः छोटे भाई बहनो को सदैव मातृ  भाव से स्नेह दिया,  बचपन से ही उनकी रूचि अध्यात्म की और थी. वेद उपनिषद रामायण का अध्ययन  करने मे उनकी विशेष रूचि थी. समाज के हर एक व्यक्ति को सुखमय जीवन प्राप्त हो इसके लिए वे सदैव प्रार्थना व प्रयासरत रहती थी।

रुद्राणी को उनके जीवन में जबसे समझ आई तबसे उनका एक ही  सपना था यह देश में सता धारी पक्ष व विपक्ष दोनों  प्रमाणिक व राष्ट्रवादी सच्चे सेवक होने चाहिए और देश की जनता को भी अपने व्यक्तिगत लाभ को दुर रखकर राष्ट्रवाद को देखते हुवे निस्वार्थ भाव से वोट करके एक अच्छे सेवक नेता की पसंदगी करनी चाहिए ,और जनता को भी अपनी जिम्मेदारी समझकर अपना हर चुनाव में बेस्ट योगदान देना चाहिए और  देगी तभी जनता का भी भला होगा और भारत मातृभूमि का भी अच्छा होगा तभी सभी के अच्छे दिन आएंगे ऐसे नेक विचारधारा को लेकर समय समय पर राष्ट्र हित का जनजागृति का नेक कार्य करके यज्ञ करके राष्ट्रहित जनहित कल्याण की आहुति भी  वो देती रहती थी यह सबसे बड़ा गुण था यह नेक यह बात को लेकर भारत व विदेश में रहनेवाले कहीं राष्ट्रवादी ओके दिल और दिमाग में उनके नेक विचारधारा को लेकर रुद्राणी जानी जाती थी।

राजकुमारी रुद्राणी तेहरिया किसी की माँ बेटी पत्नी बहन होने के साथ साथ एक श्रेष्ठ लेखिका और प्रखर ओजस्वी वक्ता भी थी । उनकी धारा प्रवाह भाषण इतने प्रभावी होते थे कि श्रोतागण उनकी ओजस्वी वाणी मे ही खो जाते थे। । उनका क्रांतिकारी व्यक्तित्व नारी शक्ति का श्रेष्ठ उदाहरण है । उनके लेख जो राष्ट्रवाद से परिपूर्ण कही राज्यो के दैनिक और साप्ताहिक समाचारों में प्रकाशित होते थे जो प्रेणादायक होते थे। आध्यात्मिक शास्त्रीय विषयों पर उनकी पुस्तके - पीयूष, रश्मि, और शैशव प्रकाशित हो चुकी हैं । 

उनका सम्पूर्ण जीवन एक क्रांतिकारी साधिका के समान रहा।नारी समाज और वंचित लोगों की सेवा के लिए उनके हृदय में एक सच्ची वेदना थी जो उनसे वार्तालाप करते समय प्रगट हो ही जाती थी।धार्मिक पाखंड , संस्थानवाद, डेरावाद की वो कट्टर विरोधी थी । और इसके विरुद्ध उन्होंने क्रांतिकारी कदम भी उठाएं । श्रीकृष्ण भगवान द्वारा उपदेशित स्वधर्म की वो सच्ची साधिका थी । 

आज सशरीर वो हमारे बीच नहीं हैं । परन्तु कर्म और जीवात्मा को कोई वायरस स्पर्श नहीं कर सकता । अतः तेजस लोक में व हिरण्यगर्भ लोक में वो हम सब के बीच ही हैं । ईश्वर उन्हें अपने परमधाम में प्रवेश दे । अपितु वह अपने शिवसंकल्पो की पूर्ति हेतु निश्चित ही कर्म परायण रहेंगी और सफलता को प्राप्त कर परमधाम में निवास करेंगी । 

परंतु इस वैश्वानर भौतिक जगत में जहां एक परिवार ने एक माँ, बेटी,बहन, पत्नी को खोया है तो समाज ने एक श्रेष्ठ लेखिका, प्रखर ओजस्वी वक्ता और समाज सेविका को खोया है । चंद्रकांत सी पूजारी क्रांतिकारी पत्रकार संघ  गुजरात प्रदेश अध्यक्ष, लेखिका दिप्ती डांगे मुंबई, लेखक हरिकृष्ण शास्त्री सुरत,लेखक राजकुमार बरुआ भोपाल मध्यप्रदेश, शिक्षक अलकेश कुमार मेघालय, लेखक व कवि विजय कुमार बलिया उत्तरप्रदेश, लेखिका सुनीता कुमारी पुर्णिया बिहार, लेखिका नूतन राय नालासोपारा महाराष्ट्र , लेखिका बिना राय आजमगढ़, एडवोकेट आलोक कुमार आजमगढ़, हर्ष भाई सोलंकी सामाजिक अग्रणी उना।

पत्रकार संजय कुमार वर्मा इन्दौर मध्यप्रदेश,राजुभाई वाघ सामाजिक अग्रणी स्वामी विवेकानंद संगठन के अध्यक्ष बारडोली ,निखिल भाई व्यास सहकारी व सामाजिक अग्रणी सुरत जिला,गिरसोमनाथ,प्रतिक भाई मोरझरीया सामाजिक अग्रणी व साप्ताहिक अखबार के संपादक, लेखक व सामाजिक अग्रणी जिला मयंक भाई जोषी उना गिरसोमनाथ, लेखक कमलेश राजपूत पाटण गुजरात,प्रवीण भाई शाह सामाजिक अग्रणी समाज सेवक सुरत गुजरात,एवम क्रांतिकारी पत्रकार संघ गुजरात प्रदेश के सभी पदाधिकारी व हिन्दूराष्ट्रवादी सोसयल मिडिया  मित्र मंडल और से श्रद्धांजलि अर्पित करते है

रिपोर्टर : चंद्रकांत सी पूजारी

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