बारिश से गेहूं के साथ टमाटर व मिर्च की फसल को नुकसान

जशपुर : पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बुधवार को लगातार छठवें दिन शहर सहित आसपास के इलाकों में मौसम खराब रहा। रोजाना हो रही बारिश की वजह से बरसात जैसा नजारा दिखाई पड़ रहा है। बुधवार काे दोपहर बाद शहर में रूक-रूककर कई बार बारिश हुई। रोजाना हो रही बारिश और बीते सप्ताह हुई ओलावृष्टि की वजह से तापमान में गिरावट बरकरार है।

बुधवार को तापमान सामान्य से 8 डिग्री तक कम रहा। बुधवार को भाेर में बारिश हुई। सुबह 6 बजे बारिश थमी और धूप निकली तो लोगों को लगा कि अब मौसम खुल गया है। पर दोपहर 1 बजे तक शहर का आधा इलाका घने काले बादलों से ढंक गया और आधे इलाके में करीब आधे घंटे तक तेज मूसलाधार बारिश हुई।

इस दौरान शहर का दूसरा हिस्सा रायगढ़ रोड और बांकीटोली का एरिया सूखा था। शाम करीब 4 बजे शहर के लगभग सभी इलाकों में फिर से जमकर बारिश हुई। रूक-रूककर हुई इस बारिश की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। लगातार हो रही बारिश की वजह से तापमान सामान्य से काफी कम है। बुधवार को दिन में धूप निकलने की वजह से दोपहर का अधिकतम तापमान 23 डिग्री दर्ज किया गया है। जबकि मौजूदा समय में दिन का अधिकतम तापमान 32 डिग्री तक रहता है। न्यूनतम तापमान का पारा अभी भी काफी नीचे हैं। बुधवार सुबह का न्यूनतम तापमान 13 डिग्री पर है। गौरतलब है कि बीते सप्ताह शुक्रवार से बारिश शुरू हुई है। शुक्रवार की शाम को जिले के पहाड़ी इलाकों में जमकर ओलावृष्टि हुई थी। उंचाई वाले स्थानों पर शनिवार को भी ओलावृष्टि की मार लोगों ने झेला। इसके बाद से रोजाना बारिश हो रही है।

पूरे सप्ताह नजर आएगा बादलों का असर मौसम विज्ञान केन्द्र से जारी पूर्वानुमान के अनुसार इस पूरे सप्ताह बादलों का असर देखा जाएगा। अगले चार दिनों तक आसमान साफ होने की संभावना नहीं है। बादलों की वजह से जिले के एक दो स्थानों पर हल्की व मध्यम वर्षा होती रहेगी। फसलों को नुकसान से बचाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। इसके अलावा किसानों को मौसम की जानकारी रखने की सलाह दी जा रही है। किसानों को सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए उन्हें मौसम की जानकारी भी मुहैया कराई जा रही है। फसलों को ज्यादा नुकसान पहाड़ी इलाकों में हुआ है।

इस बारिश से किसान बेहद परेशान बेमौसम बारिश से किसान काफी परेशान हैं। क्योंकि वर्तमान में जितने भी फसल लगे हैं, उनके खराब होने का खतरा बढ़ गया है। गेंहूं की फसल खेतों में खड़ी है। इस सीजन में गेहूं को पानी की जरूरत नहीं थी। पर लगातार हो रही बारिश से गेहूं के पौधे लगातार भीग रहे हैं। इससे पहले पौधे नमीयुक्त हवाओं के संपर्क में थे। कई जगहों पर तेज बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं के पौधे टूट गए हैं,

रिपोर्टर : चंद्रभान यादव

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