लेखिका : भूमिका रावल वाटेरा राजस्थान

कविता
शीर्षक
कोशिश कर रही हुँ

कुछ खास लिखना तो आता नही

बस लिखने की कोशिश कर रही हु!
जीवन के कठिन पलो से
अपनी परेशानी व दुख के बादल से
रोते हुए हर इंसान को हंसाने की कोशिश कर रही हु!!

कुछ खास
नफरत से भरे इस जमाने मे
मतलबी दुनिया के फसाने में!
क्रोध भरी हर आंखों को
प्यार सीखाने की कोशिश कर रही हु!!

कुछ खास
अंधरो की इस वीरान भूमि से
जहाँ किसी मे सहन करने की शक्ति न हो
ऐसे अंधरो के बीच एक तारा बनकर
अपना फर्ज अदा करने की कोशिश कर रही हु!!
कुछ खास

लक्षय से हारे हर व्यक्ति को
जीने की कला सिखाने की
कोशिश कर रही हु!
उम्मीदों से हारे हर व्यक्ति को
आशा की किरण देने की कोशिश कर रही हु!!

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