नवरात्रि पूजा व्रत विधान, खाद्य पदार्थ और रंगों का महत्त्व
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व्रत विधान-
प्रतिवर्ष श्रद्वालु व भक्त साधकों द्वारा नवरात्रों में व्रत किये जाते हैं। जिसमें पहले, अंतिम और पूरे नव दिनों तक व्रत रखने का विधान भी हैं। व्रत में शुद्ध, शाकाहारी पदार्थों का ही प्रयोग करना उत्तम है। व्रती स्त्री-पुरूषों को प्याज, लहसुन आदि तामसिक तथा मांसाहारी पदार्थों का प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिए। नवरात्री में अनुष्ठान की सम्पन्नता के समय नौ कन्याओं का पूजन साक्षात नौ देवी के रूपों मे किया जाता है। अतः उन्हें श्रद्धा के साथ समर्थानुसार भोजन व दक्षिणा देकर प्रणाम करना चाहिए।
नौ रात्रि व्रत मे खाने योग्य खाद्य पदार्थ :
आलू, सिंघारें का आटा, देशी घी गाय का, फलों में आम, केले, संतरे, सेब, अंगूर, आदि तथा सूखे मेवे जैसे-काजू, अखरोट, बादाम, किसमिस, आदि प्रयोग करें तथा बेसन से बने लड्डू और अन्न, युक्त पदार्थ, व्रत में कदापि प्रयोग न करें।
नवरात्रि व्रत के समय यह न करें :
अर्थात् इन पदार्थो को दृढ़ता से त्याग करें, जैसे- पेय, कोक, टाफियां, लहसुन, प्याज, नमक, मांस, मिर्च, मसाले, मद्य, सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, आदि तामसिक खाद्यों का प्रयोग व्रत को भंग कर देते हैं। इसके अतिरिक्त व्रत पालन के समय क्रोध, चिंता आलस्य, कदापि न करें। सुगन्धित तेल, साबुन के प्रयोग और क्षौर कर्म से बचना चाहिए।
नवरात्री में रंगों महत्व :
रंग हमारे मनः शक्ति को बड़ी तीव्रता से प्रभावित करते हैं। इसलिए साधकों को और सर्वसाधारण व्यक्ति को प्रत्येक दिन उसी रंग के कपड़े धारण करने चाहिए। जैसे-पहले नवरात्रि के दिन सफेद व लाल रंग के कपड़े अच्छे माने गए हैं। दूसरे में पीच व हल्का पीला केसरिया, रंगों को शुभ माना गया है और तीसरे दिन लाल, चैथे में सफेद, नीला, रंग, पांचवें में लाल, सफेद, छठे में हरा, लाल, सफेद, सातवें मे लाल, नीला, आठवे में लाल, पीला, सफेद, और गुलाबी, रंग तथा नौवें नवरात्रि में सफेद व लाल, रंग के कपड़ों को शुभप्रद माना गया है।
रिपोर्टर : चंद्रकांत सी पूजारी
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